आप चने और हम लोग, सुनते ही वी पी सिंह ने कराई पूड़ी-सब्जी की दावत

आम चुनाव 2024 में सात चरणों में हो रहा है.यहां हम उन किस्सों के बारे में बताएंगे जिसकी जानकारी आपको नहीं होगी.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-04-30 06:07 GMT

भारत में चुनाव भी उत्सव की तरह होता है. जहां हर एक सियासी दल अपने कामों का बखान करते हैं तो दूसरी तरफ विरोधियों को आड़े हाथ लेते हैं. क्या नेता, क्या पब्लिक चुनाव जश्न की तरह. गली, चौराहों पर सरकार बनाने पर बहस. कभी आपस में तकरार भी तो कभी मनुहार भी. कभी राजनीतिक समीकरण की वो चर्चा जिसे सुनकर बड़े बड़े राजनीतिक पंडितों का माथा चकरा जाए. इन सबके बीच हम चुनावी इतिहास के झरोखों से कुछ ऐसे प्रसंग का जिक्र करेंगे जिसे शायद आपने ना सुना हो. खैर कोई बात नहीं. यहां पर 1989 की एक खास घटना का जिक्र करेंगे जिसका वास्ता पूर्व पीएम विश्वनाथ प्रताप सिंह से है.

प्लेटफॉर्म पर पूड़ी-सब्जी की दावत

1989 में आम चुनाव संपन्न हो चुका था. यूपी के फतेहपुर से वी पी सिंह, बिल्हौर से अरुण नेहरू और कानपुर से सुभाषिनी अली चुनावी मैदान में थे.उस समय चुनाव बैलट पेपर से होते थे.मतगणना कम से कम दो से तीन दिनों तक होती थी. दूसरे संसदीय क्षेत्रों की तरह इन लोकसभा के लिए गिनती हुई. मतगणना के रुझान से साफ था कि जनता दल की सरकार आने वाली है. वी पी सिंह देश के पीएम बनेंगे. मतगणना रात भर चली और सुबह सुबह वी पी सिंह, अरुण नेहरू, सुभाषिनी अली दूसरे नेताओं के साथ कानपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर थे. दिल्ली जाने की तैयारी थे. स्टेशन पर वी पी सिंह ने एक लिफाफे से चने निकाल कर खा रहे थे कि एक स्थानीय नेता ने मजाक करते हुए कहा कि राजा साहब आप अकेले अकेले चना खा रहे हैं. हम कार्यकर्ता रात भर वोट की गिनती करा सीधे प्लेटफॉर्म पर चले आए हैं. जोरों की भूख लगी है. यह सुनकर वी पी सिंह हल्की सी मुस्कान के साथ पूड़ी सब्जी वाले स्टाल की तरफ बढ़ गए.

वी पी सिंह खाते रहे चने

वी पी सिंह ने पूड़ी-सब्जी स्टाल वाले से पूछा कि कितनी मात्रा में खाना तैयार है. स्टॉल वाला उन्हें पहचानता था.एक पल के लिए घबरा गया और बोला कि खाना सभी लोग खा सकते हैं. वी पी सिंह ने पूछा कि स्टाल पर जो खाना है उसकी कीमत क्या है. स्टाल वाला कुछ नहीं बोला. वी पी सिंह ने अपने पर्स से ढाई हजार रुपए निकाले और पूछा कि यह पैसे पर्याप्त हैं. स्टाल वाला बोला- जी साहब. इस तरह से स्टेशन पर उनके साथ आए जितने कार्यकर्ता और नेता थे सभी ने पूड़ी-सब्जी खाई. ये बात अलग है कि वी पी सिंह खुद चने ही खाते रहे.

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