क्या पीएम मोदी तोड़ पाएंगे नेहरू का रिकॉर्ड? ये 4 राज्य करेंगे फैसला

इन चार राज्यों में एनडीए के प्रदर्शन के बाद ही पता चल पाएगा कि पीएम मोदी लगातार तीन लोकसभा चुनाव जीतने के जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर पाएंगे या नहीं.

Update: 2024-06-01 12:54 GMT

Lok Sabha Election 2024: लोकतंत्र में बहुमत के आधार पर सरकार चुनी जाती है. साल 2019 में बीजेपी ने 543 में से 303 लोकसभा सीट जीती थीं. ऐसे में इस बार यह सवाल उठ रहा है कि क्या एनडीए 2024 के लोकसभा चुनावों में साल 2019 वाला इतिहास दोहरा पाएगा या फिर बहुमत खो देगा? यह इस बात पर निर्भर करता है कि एनडीए इन चार राज्यों में किस तरह का प्रदर्शन करती है. इसके आधार पर पता चल पाएगा कि पीएम मोदी लगातार तीन लोकसभा चुनाव जीतने के जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर पाएंगे या नहीं.

दक्षिणी राज्य

तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और तेलंगाना के चार दक्षिणी राज्यों में भाजपा अभी भी अपनी छाप छोड़ने के लिए संघर्ष कर रही है. पिछले दो लोकसभा चुनावों में पार्टी यहां 101 में से सिर्फ़ 4 सीट जीत सकी थी. हालांकि, इस बार भाजपा को अपनी सीटों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है. खासकर तेलंगाना में. लेकिन इसका असर राष्ट्रीय स्तर पर बहुत अधिक नहीं पड़ेगा.

बीजेपी-कांग्रेस

मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा कांग्रेस के साथ सीधे चुनावी लड़ाई में बेहतर प्रदर्शन करती है. राज्यों में कांग्रेस के साथ आमने-सामने के मुकाबलों में भाजपा ने साल 2019 में 138 लोकसभा सीट में से 133 और साल 2014 में 138 में से 121 सीट हासिल की थीं. यहां तक ​​कि उन राज्यों में भी जहां भाजपा और कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर मुकाबला किया. भगवा पार्टी ने इस पुरानी पार्टी के खिलाफ शानदार सफलता हासिल की है.

नुकसान

साल 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस 190 निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी थी. हालांकि, पार्टी इनमें से केवल 15 सीट ही जीत पाई. जबकि , बाकी कि 175 सीट बीजेपी के खाते में गईं. इन 175 सीटों में से भाजपा ने 10% से अधिक अंतर से 144 सीटें जीती थीं. वहीं, कर्नाटक और कुछ अन्य राज्यों में भाजपा को कुछ सीटों का नुकसान हो सकता है. लेकिन कांग्रेस के साथ सीधे मुकाबले में पार्टी को कोई खास नुकसान होने की आशंका नहीं है.

सपा-बसपा गठबंधन

इस बार समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) साल 2014 की तरह अलग-अलग लड़ रही हैं. साल 2014 में भी जब सपा और बसपा गठबंधन में नहीं थे, तब भाजपा ने 80 में से 71 लोकसभा सीट जीती थीं. वहीं, साल 2024 में उम्मीद कर सकते हैं कि भाजपा कम से कम साल 2019 की 62 सीटों की संख्या को दोहराएगी.

लाभ या नुकसान

महाराष्ट्र (48 सीट), पश्चिम बंगाल (42), बिहार (40) और ओडिशा (21) में से साल 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 66 सीटें जीती थीं. इस बार महाराष्ट्र में दो शिवसेना और दो एनसीपी हैं. कोई भी निश्चित रूप से नहीं कह सकता कि महाराष्ट्र की यह उलझन लोकसभा चुनावों में भाजपा को लाभ पहुंचाएगी या नुकसान पहुंचाएगी.

सीधी टक्कर

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने के बाद नीतीश कुमार फिर से एनडीए के पाले में आ गए हैं. लेकिन मतदाताओं पर इसका क्या असर होगा? पश्चिम बंगाल में भाजपा साल 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ कड़ी टक्कर में है. ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल (बीजद) के गठबंधन की चर्चा थी. लेकिन अब वे एक-दूसरे के खिलाफ सीधी लड़ाई में हैं. ऐसे में बहुमत का जनादेश महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा के नतीजों पर ही निर्भर रहेगा. वहीं, क्या पीएम मोदी नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर पाएंगे? इसका जवाब 4 जून को मिल जाएगा.

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