Homebound देख ली? अब जाति राजनीति और भेदभाव पर बनी ये 7 दमदार फिल्में जरूर देखें
अगर आपको ईशान खट्टर की फिल्म Homebound पसंद आई, तो जाति राजनीति और सामाजिक भेदभाव पर बनी ये 7 सोचने पर मजबूर कर देने वाली फिल्में देखें.
अगर आपने Homebound देखी है और वो फिल्म आपको अंदर तक झकझोर गई है, तो आप अकेले नहीं हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में ईशान खट्टर ने कहा, Homebound की जर्नी ने मुझे मेरी अपनी प्रिविलेज यानी सुविधाओं के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है. ये सिर्फ मनोरंजन करने वाली फिल्म नहीं है, बल्कि समाज को आईना दिखाती है और दर्शकों को ये सोचने पर मजबूर करती है कि समाज में उनकी भूमिका और जिम्मेदारी क्या है.
नीरज घेवन के निर्देशन में बनी इस फिल्म में ईशान खट्टर के साथ विशाल जेठवा और जान्हवी कपूर नजर आते हैं. खास बात ये है कि हॉलीवुड के दिग्गज फिल्ममेकर मार्टिन स्कॉर्सेसी इस फिल्म से एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर के तौर पर जुड़े हैं. धर्मा प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित ये फिल्म दो बचपन के दोस्तों मोहम्मद शोएब अली और चंदन कुमार की दर्दनाक लेकिन प्रेरक यात्रा को दिखाती है. दोनों ही समाज के हाशिए पर खड़े मुस्लिम और दलित समुदाय से आते हैं और जाति राजनीति व भेदभाव से भरे समाज में दोस्ती, संघर्ष और आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ते हैं. भारत की ओर से ये फिल्म ऑस्कर 2026 की आधिकारिक एंट्री बनी और अब बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में शॉर्टलिस्ट भी हो चुकी है.
Homebound को कान्स फिल्म फेस्टिवल में 9 मिनट का स्टैंडिंग ओवेशन मिला और इसके बाद ये TIFF, ज़्यूरिख, मेलबर्न और माराकेश जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल्स में भी सराही गई. भारत की ओर से ये फिल्म ऑस्कर 2026 की आधिकारिक एंट्री बनी और अब बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में शॉर्टलिस्ट भी हो चुकी है. अगर Homebound ने आपकी आंखें नम कर दीं और आपको सोचने पर मजबूर कर दिया, तो यहां हम आपके लिए ऐसी ही 7 दमदार और संवेदनशील फिल्में लेकर आए हैं, जो जाति राजनीति और सामाजिक भेदभाव की सच्चाई को सामने रखती हैं.
1. Article 15 (2019)
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाके में सेट ये फिल्म एक अपर कास्ट आईपीएस ऑफिसर अयान रंजन (आयुष्मान खुराना) की कहानी है. जब दो दलित लड़कियों की लाश पेड़ से लटकी मिलती है, तो अयान को एहसास होता है कि जातिगत भेदभाव कोई अपवाद नहीं, बल्कि सिस्टम का हिस्सा है. ये फिल्म दिखाती है कि कैसे कानून और संस्थाएं भी समाज की असमानता को दोहराती हैं.
2. Sujata (1959)
बिमल रॉय की ये क्लासिक फिल्म सुजाता (नूतन) की कहानी है, जो एक दलित अनाथ लड़की है और एक ब्राह्मण परिवार में पली-बढ़ी है. परिवार उसे प्यार तो करता है, लेकिन बराबरी का दर्जा नहीं देता. ये फिल्म बड़े ही शांत तरीके से जाति के दर्द को सामने लाती है.
3. Dhanak (2015)
नागेश कुकुनूर द्वारा निर्देशित ये फिल्म एक नेत्रहीन दलित बच्चे छोटू और उसकी बहन परी की कहानी है. दोनों राजस्थान की यात्रा पर निकलते हैं. बच्चों की नजर से दिखाई गई ये कहानी बताती है कि जातिगत भेदभाव कितनी कम उम्र में ही जिंदगी का हिस्सा बन जाता है.
4. Pariyerum Perumal (2018)
मारी सेल्वराज की ये फिल्म जाति उत्पीड़न को सिर्फ दिखाती नहीं, बल्कि महसूस कराती है. एक दलित छात्र जब लॉ कॉलेज में दाखिला लेता है, तो उसे समझ आता है कि कानून भी पूरी तरह निष्पक्ष नहीं है. ये फिल्म दोस्ती, सपनों और सम्मान पर जाति के असर को दिखाती है.
5. Aranyer Din Ratri (1970)
सत्यजीत रे की ये फिल्म चार शहरी दोस्तों की कहानी है, जो जंगलों में छुट्टियां मनाने जाते हैं. वहां उनका सामना आदिवासी समाज से होता है. बिना हिंसा के, ये फिल्म उनके भीतर छिपे अहंकार और वर्ग भेद को उजागर करती है.
6. Bandit Queen (1994)
फूलन देवी की जिंदगी पर बनी ये फिल्म जाति और जेंडर हिंसा की कड़वी सच्चाई दिखाती है. बार-बार शोषण के बाद फूलन का बगावत की राह पर चलना सिर्फ बदले की कहानी नहीं, बल्कि आत्मसम्मान की लड़ाई है.
7. Sairat (2016)
मराठी सिनेमा की ये सुपरहिट फिल्म एक इंटरकास्ट लव स्टोरी है, जिसका अंत दिल तोड़ देने वाला है. ये फिल्म साफ दिखाती है कि यहां प्यार की हार नहीं होती, बल्कि समाज अपनी क्रूरता से जीत जाता है. इसी फिल्म का हिंदी रीमेक धड़क था, जिसमें ईशान खट्टर और जान्हवी कपूर नजर आए थे. अगर Homebound ने आपको सोचने पर मजबूर किया है, तो ये फिल्में आपके दिल और दिमाग पर गहरा असर जरूर छोड़ेंगी.