मलयालम सिनेमा का नया प्रयोग, ‘चंद्रा’ से उठी फैंटेसी सिनेमा की नई लहर
लोकाह: चैप्टर 1 चंद्रा ने मलयालम सिनेमा को नई पहचान दी। लोककथाओं और फैंटेसी का संगम, कल्याणी प्रियदर्शन का दमदार अभिनय और दुलकर सलमान का साहसिक दांव।;
दांत अब निकल आए हैं। मलयालम सिनेमा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह सीमाओं को लांघकर नई शैलियों और अनोखी कहानियों के साथ प्रयोग कर सकता है और साथ ही बड़ी कमाई भी कर सकता है। इस बार चर्चा में है लोकाह: चैप्टर 1 चंद्रा — एक फैंटेसी फिल्म, जो पूरे भारत में लहर पैदा कर रही है और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को चौंका रही है।
फिल्म में कल्याणी प्रियदर्शन मुख्य किरदार चंद्रा की भूमिका निभा रही हैं एक ऐसी महिला, जिसके पास अलौकिक शक्तियाँ हैं और जिसकी किस्मत सदियों पुराने रहस्यों से बंधी हुई है। यह फिल्म पांच-भाग वाली श्रृंखला का पहला हिस्सा है। द फेडरल ने फिल्म के निर्देशक डॉमिनिक अरुण से बातचीत की, जिसमें फिल्म की सफलता, केरल की लोककथाओं का असर, नारीवादी दृष्टिकोण, दुलकर सलमान का सहयोग और लोकाह यूनिवर्स के भविष्य पर चर्चा हुई।
अप्रत्याशित सफलता और उसका रहस्य
निर्देशक डॉमिनिक अरुण मानते हैं कि इस तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। भारत और विदेश से मिल रहे उत्साहजनक प्रतिसाद ने उन्हें चौंका दिया है। वे कहते हैं कि फिल्म की ताजगी, लुक और नैरेटिव ने अहम भूमिका निभाई, लेकिन असली पकड़ इसकी लोककथाओं पर आधारित पृष्ठभूमि रही, जिसने दर्शकों से गहरा जुड़ाव बनाया।
केरल की लोककथाओं से जुड़ाव
अरुण बताते हैं कि वे बचपन से ऐतिहासिकमाला (Aithihyamala) जैसी पुस्तकों में संकलित लोककथाएँ सुनते आए हैं, जिनमें यक्षी और कुट्टिचाथन जैसे पात्र शामिल हैं।पहले वे शहर में बसे वैम्पायर पर फिल्म बनाना चाहते थे, लेकिन जब उन्हें नीली नामक पौराणिक चरित्र याद आया, तो कहानी ने बड़ा रूप ले लिया। नीली केरल में एक बदले की भावना वाली वैम्पायर के रूप में जानी जाती है। जब यह नाम इस्तेमाल हुआ तो दर्शकों से तुरंत जुड़ाव हो गया। यहीं से विचार आया कि और भी लोककथा पात्रों को आधुनिक दुनिया में लाया जाए।
दुलकर सलमान और जोखिमभरा प्रयोग
निर्देशक का मानना है कि यह फिल्म मलयालम सिनेमा के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। दुलकर सलमान ने बतौर निर्माता इस जोखिमभरे प्रयोग को न सिर्फ समर्थन दिया, बल्कि इसे बड़े पैमाने पर बनाने के लिए प्रेरित किया।
कल्याणी प्रियदर्शन: चंद्रा के लिए परफेक्ट चुनाव
निर्देशक मानते हैं कि इस रोल के लिए कल्याणी से बेहतर कोई नहीं हो सकता था। उनके लुक्स, स्टाइल और ऐथलेटिक शरीर ने ऐक्शन सीन्स को प्रभावी बनाया। अंततः यह किरदार उन्हीं के लिए बना हुआ लगता है।
नारीवादी दृष्टिकोण
फिल्म की पटकथा में मजबूत फेमिनिस्ट टोन दिखाई देता है। अरुण बताते हैं कि उन्होंने सह-लेखक सांथी बालाचंद्रन को शामिल किया, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण दृश्यों को आकार दिया। उदाहरण के लिए, लोककथाओं में जहां नीली को एक पुरुष पुजारी द्वारा वश में किया जाता है, वहीं फिल्म में उसकी मां उसे अलौकिक शक्तियों का इस्तेमाल करना सिखाती है।फिल्म का संदेश साफ है औरतों को बचाने की जरूरत नहीं, असली बचाव पुरुषों को चाहिए।
निर्माण की चुनौतियां और पैमाना
यह अरुण की पहली फिल्म की तुलना में कहीं बड़ा प्रोजेक्ट था। दो साल की तैयारी के चलते शूटिंग अपेक्षाकृत आसान रही। फिल्म का बजट करीब 30 करोड़ रुपये था। VFX और प्रैक्टिकल इफेक्ट्स का सहारा लिया गया, लेकिन AI का इस्तेमाल केवल प्री-प्रोडक्शन विजुअलाइजेशन के लिए हुआ।
भविष्य: लोकाह यूनिवर्स और अगला अध्याय
यह पांच-भाग वाली श्रृंखला है और चंद्रा हर फिल्म में मौजूद रहेगी। अगली फिल्म में टोविनो थॉमस कुट्टिचाथन का किरदार निभाएंगे। दुलकर सलमान का किरदार ओडियन पर आधारित है।निर्देशक ने खुलासा किया कि यह यूनिवर्स परस्पर जुड़े पात्रों से भरा होगा, और स्क्रिप्ट पर काम जारी है। शूटिंग संभवतः 2026 के अंत में शुरू होगी।
दुलकर सलमान का योगदान
बतौर निर्माता दुलकर बेहद संजीदा और रचनात्मक प्रक्रिया में गहराई से जुड़े रहे। उन्होंने हर ड्राफ्ट पढ़ा और पूरी टीम के साथ मिलकर फिल्म को आकार दिया।
हिंदी संस्करण और प्रतिक्रिया
हालांकि हिंदी डब संस्करण की शुरुआत कमजोर रही, लेकिन मुंबई में अब इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है। निर्देशक का कहना है कि वे अपनी मातृभाषा में काम करना ही पसंद करेंगे, क्योंकि इससे दर्शकों से गहरा जुड़ाव बनता है। लोकाह: चैप्टर 1 चंद्रा मलयालम सिनेमा के लिए एक नया मुकाम है। निर्देशक डॉमिनिक अरुण के मुताबिक, यह पूरी टीम की सामूहिक मेहनत और जुनून का नतीजा है। यही वजह है कि दर्शक इससे इतना गहरा जुड़ाव महसूस कर रहे हैं।