IC 814: द कंधार हाईजैक का ट्रेलर जारी, 25 साल पहले की इस घटना पर आधारित है सीरीज
नेटफ्लिक्स सीरीज़ IC 814: द कंधार हाईजैक का ट्रेलर रिलीज़ हो गया है. यह सीरीज साल 1999 में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा एक भारतीय विमान के अपहरण पर आधारित है.
Netflix series IC 814 The Kandahar Hijack: नेटफ्लिक्स सीरीज़ IC 814: द कंधार हाईजैक का ट्रेलर रिलीज़ हो गया है. यह सीरीज साल 1999 में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा एक भारतीय विमान के अपहरण पर आधारित है. लगभग तीन मिनट का यह वीडियो कॉकपिट में एक तनावपूर्ण दृश्य के साथ शुरू होता है, जहां पायलट की भूमिका निभा रहे विजय वर्मा एक आतंकवादी द्वारा बंदूक तानने पर घबरा जाते हैं.
ट्रेलर में आतंकवादियों को यात्रियों को प्रताड़ित करते हुए दिखाया गया है. ट्रेलर से पता चलता है कि विमान में कुल 176 यात्री हैं. लेकिन अपहरणकर्ताओं ने कोई मांग नहीं की है. वहीं, कई लोग अमृतसर हवाई अड्डे से उड़ान भरने के लिए विजय को दोषी ठहराते हैं, वहीं उनकी पत्नी पूजा गौर द्वारा निभाई गई भूमिका को उन पर अटूट विश्वास है. ट्रेलर में भारतीय और पाकिस्तानी राजनयिकों को संकट को सुलझाने की कोशिश करते हुए बातचीत करते हुए भी दिखाया गया है. वीडियो के अंत में विजय विमान को उतारने की कोशिश करता है. लाहौर एटीसी से संवाद करता है और बताता है कि विमान का ईंधन खत्म हो गया है.
इस शो में विजय वर्मा पायलट के अलावा नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, अरविंद स्वामी और दीया मिर्ज़ा भी हैं. इसे अनुभव सिन्हा और त्रिशांत श्रीवास्तव ने बनाया है, जिसमें सिन्हा मुख्य भूमिका में हैं.
बता दें कि 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़े आईसी 814 विमान को हथियारबंद आतंकवादियों ने हाइजैक कर लिया था. इंडियन एयरलाइंस के इस विमान में 176 यात्री और 15 क्रू मेंबर्स सवार थे. इस प्लेन हाईजैक के बदले यात्रियों की जान बचाने के लिए भारत सरकार ने तीन आतंकियों मसूद अजहर, उमर शेख और अहमद जरगर को छोड़ा था.
विमान शाम के साढ़े 5 बजे भारतीय हवाई क्षेत्र में दाखिल हुआ, तभी बंदूकधारी आतंकियों ने विमान का अपहरण कर लिया. वे विमान को अमृतसर, लाहौर और दुबई होते हुए कंधार, अफगानिस्तान ले गए. कंधार जाने से पहले विमान को संयुक्त अरब अमीरात यानी दुबई में उतारा गया था, तब अपहरणकर्ताओं ने 176 यात्रियों में से 27 को दुबई में छोड़ दिया था. आतंकियों ने खौफ पैदा करने के लिए हाईजैकिंग के कुछ ही घंटों में एक यात्री रूपन कात्याल को मार दिया था.
इसके बाद पहले अपहरणकर्ताओं ने भारत सरकार से जेलों में बंद 35 आतंकियों की रिहाई और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मांग की थी. लेकिन कई दिनों तक तक चली बातचीत के बाद 31 दिसंबर को अपहरणकर्ता तीन कैदियों की रिहाई की मांग पर आकर मान गए. सरकार और अपहरणकर्ताओं के बीच समझौते के बाद कंधार एयरपोर्ट पर अगवा रखे गए सभी बंधकों को रिहा कर दिया गया.
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