संसद के बजट सत्र के दौरान, यूट्यूब स्टार रणवीर इलाहाबादिया के हालिया विवादित बयान पर गहरी चिंता जताई गई है। उनके बयान को लेकर पूरे देश में गुस्सा और आलोचना का माहौल बन चुका है। इसके अलावा, इस विवाद ने इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, विशेषकर यूट्यूब, को भी आलोचनाओं के घेरे में ला दिया है।
रणवीर इलाहाबादिया, जो 'बीयरबाइसेप्स' के नाम से प्रसिद्ध हैं, यह विवादित टिप्पणी यूट्यूबर समय रैना के शो 'इंडियाज़ गॉट लेटेंट' में करने के बाद से चर्चा में हैं। इस शो के एक एपिसोड के दौरान रणवीर ने एक आपत्तिजनक सवाल किया था, जिसे लेकर वे अब गंभीर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं।
क्या था विवादित बयान?
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब रणवीर इलाहाबादिया ने शो में एक कंटेस्टेंट से पूछा, "क्या आप अपने माता-पिता को संबंध बनाते देखना पसंद करेंगे... या उन्हें जॉइन करना चाहेंगे?" यह सवाल न केवल आपत्तिजनक था, बल्कि उसने सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों पर भी सवाल उठा दिया। उनका यह बयान जल्दी ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे उनके खिलाफ तीव्र आलोचना शुरू हो गई।
सरकार और संसदीय समितियां सख्त कदम उठाने के लिए तैयार
विवाद के बाद, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब को इस वीडियो के संबंध में नोटिस जारी किया था। मंत्रालय की तरफ से यह मांग की गई कि इस प्रकार के सामग्री को तुरंत हटाया जाए और भविष्य में ऐसी सामग्री पर नियंत्रण रखा जाए। इसके साथ ही, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने भी वीडियो को हटाने की सख्त मांग की थी, क्योंकि यह समाज के नैतिक मूल्यों के खिलाफ था।
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने कहा, "यह बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं संचार और आईटी पर संसदीय स्थायी समिति का सदस्य होने के नाते इस मामले को समिति में उठाऊंगा। हम जल्द ही एक बैठक करेंगे और इस पर चर्चा करेंगे। हमें इस तरह की अपमानजनक टिप्पणियों के लिए सख्त दिशा-निर्देशों की जरूरत है।" उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के बयान युवा पीढ़ी पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, खासकर उन युवाओं पर जो ऐसे यूट्यूबर्स को फॉलो करते हैं।
AICWA की ओर से कड़ी निंदा और बहिष्कार की घोषणा इस विवाद पर फिल्म इंडस्ट्री से भी कड़ी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) ने 'इंडियाज़ गॉट लेटेंट' शो के हालिया एपिसोड की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस तरह के बयान हमारे सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों के लिए खतरा पैदा करते हैं। AICWA ने एक बयान में कहा, "रणवीर इलाहाबादिया द्वारा की गई टिप्पणियां पूरी तरह से निंदनीय और अपमानजनक हैं। इस तरह का कंटेंट समाज के नैतिक ताने-बाने के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।"
AICWA ने इस शो का बहिष्कार करने की घोषणा की और सभी फिल्ममेकर्स, एक्टर्स, डायरेक्टर्स और टेक्निशियन्स से अपील की कि वे समय रैना और रणवीर इलाहाबादिया सहित इस शो में शामिल सभी लोगों के साथ किसी भी प्रकार का सहयोग तुरंत बंद करें।
इसके अलावा, AICWA ने मांग की कि 'इंडियाज़ गॉट लेटेंट' पर पूरी तरह से बैन लगाया जाए और इसके मेज़बान समय रैना तथा रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। संगठन ने इस विवाद से जुड़े सभी जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है।
क्या रणवीर के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे?
इस विवाद के बाद, अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इस प्रकार की सामग्री के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यूट्यूब ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए वीडियो को हटा दिया है, लेकिन यह देखा जाना बाकी है कि क्या भविष्य में ऐसी टिप्पणियों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे।
सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी की आवश्यकता यह विवाद इस बात को भी उजागर करता है कि सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर होने वाले कंटेंट के निर्माता अपनी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी को समझें। यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों के पास लाखों फॉलोअर्स होते हैं, जो उनकी बातों से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर अपमानजनक और आपत्तिजनक सामग्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि समाज पर नकारात्मक प्रभाव को रोका जा सके।
रणवीर का बचाव और प्रतिक्रिया
हालांकि, रणवीर इलाहाबादिया ने इस मुद्दे पर अब तक अपनी तरफ से कोई खुला बयान नहीं दिया है, लेकिन सोशल मीडिया पर उनके समर्थक इस बात का बचाव कर रहे हैं कि यह सिर्फ एक मजाक था और इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। फिर भी, उनके द्वारा किया गया सवाल और टिप्पणी इतनी संवेदनशील और विवादास्पद रही कि इसे नजरअंदाज करना मुश्किल हो गया है।
मर्यादा का रखना होगा ख़याल
यह विवाद रणवीर इलाहाबादिया और यूट्यूब जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए एक बड़ा संदेश है। यह दर्शाता है कि किसी भी कंटेंट को प्रकाशित करने से पहले उसकी सामाजिक जिम्मेदारी को समझना कितना जरूरी है। सोशल मीडिया पर पॉपुलैरिटी हासिल करने वाले यूट्यूबर्स को अपनी बातों का ख्याल रखना होगा, खासकर जब उनके फॉलोअर्स की संख्या लाखों में हो। इस विवाद ने यह भी साफ कर दिया कि अब हमें इस तरह के अपमानजनक कंटेंट को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।