मशहूर अभिनेता सतीश शाह का निधन, 74 की उम्र में ली आखिरी सांस

भारतीय सिनेमा और टेलीविजन की दुनिया से एक बेहद दुखद खबर आई है.

Update: 2025-10-25 10:59 GMT
Satish Shah death

‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ के लोकप्रिय अभिनेता सतीश शाह का 25 अक्टूबर को 74 साल की उम्र में निधन हो गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सतीश शाह लंबे समय से किडनी संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे और इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर सामने आते ही पूरा फिल्म और टीवी जगत शोक में डूब गया. सोशल मीडिया पर फैन्स और सेलेब्स लगातार श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

अशोक पंडित ने दी जानकारी

फिल्ममेकर अशोक पंडित ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस दुखद खबर की पुष्टि की. उन्होंने लिखा, ये बताते हुए बहुत दुख और सदमा हो रहा है कि हमारे प्यारे दोस्त और महान अभिनेता सतीश शाह का कुछ घंटे पहले किडनी फेल होने की वजह से निधन हो गया. उन्हें हिंदुजा अस्पताल ले जाया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. ये मनोरंजन जगत के लिए एक बड़ी क्षति है. ॐ शांति. सतीश शाह की मौत से बॉलीवुड, टीवी और कॉमेडी जगत में शोक की लहर दौड़ गई है.

स्पोर्ट्स से एक्टिंग तक का सफर

सतीश शाह का जन्म 25 जून 1951 को मुंबई के एक गुजराती परिवार में हुआ था. बचपन में उनका झुकाव एक्टिंग की ओर नहीं, बल्कि स्पोर्ट्स की तरफ था. वो क्रिकेट और बेसबॉल दोनों में माहिर थे और लॉन्ग जम्प व हाई जम्प के चैंपियन भी रहे. स्कूल में खेल-कूद के साथ-साथ वे हमेशा एक्टिव रहते थे. लेकिन उन्हें एक्टिंग में आने की प्रेरणा एक संयोग से मिली.

कैसे बने अभिनेता सतीश शाह

एक बार स्कूल के वार्षिक समारोह में हिंदी नाटक के लिए एक्टर्स की कमी थी. टीचर ने सतीश का नाम दे दिया, हालांकि वे बहुत नर्वस थे. शुरू में जब वो संवाद बोलने लगे, तो भूल जाते थे. टीचर ने उन्हें समझाया “लोगों को मत देखो, बस एक्ट करो जैसे कोई सामने नहीं है. सतीश ने वैसा ही किया और मंच पर उनकी परफॉर्मेंस को स्टैंडिंग ओवेशन मिला. वहीं से उन्होंने ठान लिया कि अब वे एक्टर बनेंगे. कॉलेज में उन्होंने थियेटर करना शुरू किया और पढ़ाई पूरी करने के बाद फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII), पुणे में दाखिला लिया.

200 से ज्यादा फिल्मों में किया काम

सतीश शाह का करियर बेहद शानदार रहा. उन्होंने 200 से ज्यादा फिल्मों और कई यादगार टीवी शोज़ में काम किया. उनकी शुरुआती फिल्मों में ‘अजीब कहानी’, ‘उमराव जान’, ‘अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है’ और ‘जाने भी दो यारों’ शामिल हैं. ‘जाने भी दो यारों’ में उनके हास्य अभिनय ने उन्हें पहचान दिलाई, जबकि ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया.

‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ से बनी अलग पहचान

साल 2004 में शुरू हुआ टीवी शो ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ भारतीय टेलीविजन का एक कल्ट क्लासिक कॉमेडी शो बन गया था. इस शो में उन्होंने इंद्रवदन साराभाई का किरदार निभाया था. जो व्यंग्य, हास्य और चतुराई का अनोखा मेल था. उनका यह किरदार आज भी दर्शकों के बीच उतना ही लोकप्रिय है जितना 20 साल पहले था.

‘मैं हूं ना’ में प्रोफेसर के रूप में यादगार भूमिका

फिल्म ‘मैं हूं ना’ (2004) में सतीश शाह का स्पिटिंग प्रोफेसर वाला रोल. आज भी लोगों को हंसी से लोटपोट कर देता है. उनकी कॉमिक टाइमिंग, चेहरे के हावभाव और सहज अभिनय ने उन्हें कॉमेडी किंग के तौर पर स्थापित किया. सतीश शाह के निधन से पूरा मनोरंजन जगत गमगीन है. कई कलाकारों ने उन्हें एक जिंदादिल और हंसमुख इंसान बताया, जो सेट पर हमेशा खुशियां बांटते थे. सतीश शाह का जाना सिर्फ एक अभिनेता का नहीं, बल्कि एक युग के अंत का प्रतीक है. उन्होंने हमें सिखाया कि कॉमेडी सिर्फ हंसी नहीं, बल्कि एक कला है. उनकी यादें ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’, ‘जाने भी दो यारों’ और अनगिनत फिल्मों के जरिए हमेशा जीवित रहेंगी. ॐ शांति सतीश शाह आपके जैसे कलाकार अमर होते हैं.

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