ईरान से 1100 से ज्यादा भारतीयों की वापसी , नेपाल-श्रीलंका के नागरिकों को भी लाएगा भारत
भारत सरकार ने कहा है कि वह नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी ईरान से निकालने में सहायता करेगी। इन देशों के नागरिकों से कहा गया है कि वे भारतीय दूतावास में पंजीकरण कराएं।;
ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत अपने नागरिकों को लगातार ईरान से निकाल रहा है। शनिवार 21 जून 2025 को रात 11:30 बजे मशहद से आई एक विशेष उड़ान के जरिये 290 भारतीय नागरिक सुरक्षित रूप से भारत लौटे। यह फ्लाइट नई दिल्ली में उतरी।
विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इस निकासी के साथ अब तक ईरान से कुल 1,117 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि रविवार को दो अलग-अलग उड़ानों से 600 और भारतीयों के भारत लौटने की उम्मीद है। जब ईरान-इज़राइल टकराव की ताज़ा शुरुआत हुई थी, उस समय ईरान में लगभग 10,000 भारतीय नागरिक मौजूद थे, जिनमें से 6,000 छात्र थे।
एक सूत्र ने बताया, “लगभग 800 लोग निकाले जाने के इच्छुक हैं। उन्हें सोमवार और मंगलवार को निकासी उड़ानों के माध्यम से भारत लौटाया जाएगा।”
भारत सरकार ने यह भी कहा है कि वह नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी ईरान से निकालने में सहायता करेगी। इन देशों के नागरिकों से कहा गया है कि वे भारतीय दूतावास में पंजीकरण कराएं।
भारतीय दूतावास ने एक्स (X) पर लिखा, "नेपाल और श्रीलंका की सरकारों के अनुरोध पर, ईरान में भारतीय दूतावास की निकासी प्रक्रिया में इन देशों के नागरिकों को भी शामिल किया जाएगा।"
नेपाल की विदेश मंत्री अर्जू राणा देउबा ने इस सहायता के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को धन्यवाद देते हुए कहा, "ईरान से नेपाली नागरिकों को सुरक्षित निकालने में भारत की तेज़ मदद नेपाल-भारत संबंधों की मजबूती को दर्शाती है।”
इसी दिन, ईरान की एयरलाइन महन एयर की एक निकासी उड़ान में 256 भारतीय छात्र, जिनमें से अधिकतर जम्मू-कश्मीर से थे, शनिवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे। J&K स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, "भारत सरकार की कोशिशों और ईरानी अधिकारियों के साथ समय पर समन्वय के लिए धन्यवाद। हम सभी शेष छात्रों, विशेष रूप से दूरदराज़ और संवेदनशील इलाकों से आए छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए प्रतिबद्ध हैं।”