सत्य को देर तक छिपा कर नहीं रख सकते, संभल पर 'योगी' बोल
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16 December live news: देश और दुनिया की तमाम उन छोटी-बड़ी खबरों से रूबरू कराएंगे, जिसका आपसे सीधा सरोकार है.
यूपी विधानसभा में संभल मुद्दे पर बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि सत्य को देर तक छिपाया नहीं जा सकता है। इसके साथ ही दंगों के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी की घेरेबंदी की। संभल हिंसा के लिए जो भी दोषी होगा वो किसी भी कीमत पर नहीं बचेगा।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 1949 में आरएसएस नेताओं ने भारत के संविधान का विरोध किया था क्योंकि यह मनुस्मृति पर आधारित नहीं था... न तो उन्होंने संविधान को स्वीकार किया और न ही तिरंगे को। 26 जनवरी 2002 को पहली बार मजबूरी में आरएसएस मुख्यालय पर तिरंगा फहराया गया। क्योंकि इसके लिए कोर्ट का आदेश था..."
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब कई शक्तिशाली देशों में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार नहीं था, महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था, उस समय भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार दिया, महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया। यह कांग्रेस ने दिया, संविधान ने दिया...आरएसएस, जनसंघ ने इसका विरोध किया।"
राज्यसभा में संविधान पर डिबेट की शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नैतिक आधार पर सवाल का हक नहीं है। वहीं कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले 11 साल में क्या किया उसे बताए।
राज्यसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "...1950 में सुप्रीम कोर्ट ने कम्युनिस्ट पत्रिका "क्रॉस रोड्स" और आरएसएस की संगठनात्मक पत्रिका "ऑर्गनाइजर" के पक्ष में फैसला सुनाया था। लेकिन इसके जवाब में (तत्कालीन) अंतरिम सरकार ने सोचा कि पहले संविधान संशोधन की आवश्यकता है और इसे कांग्रेस द्वारा लाया गया था और यह मूल रूप से स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए था। इसलिए भारत, एक लोकतांत्रिक देश जो आज भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गर्व करता है, ने पहली अंतरिम सरकार को संविधान संशोधन के साथ आते देखा, जिसका उद्देश्य भारतीयों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना था और वह भी संविधान को अपनाने के एक वर्ष के भीतर इस काम को अंजाम दिया गया।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "...मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी दोनों को 1949 में जेल भेजा गया था। 1949 में मिल मजदूरों के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान, मजरूह सुल्तानपुरी ने जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखी गई एक कविता सुनाई और इसलिए उन्हें जेल जाना पड़ा। उन्होंने इसके लिए माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया और उन्हें जेल जाना पड़ा... अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करने का कांग्रेस का रिकॉर्ड इन दो लोगों तक ही सीमित नहीं था। 1975 में माइकल एडवर्ड्स द्वारा लिखी गई राजनीतिक जीवनी "नेहरू" पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उन्होंने "किस्सा कुर्सी का" नामक एक फिल्म पर भी प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाए गए थे...
राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जो लोग संविधान की दुहाई देने की बात कर रहे हैं उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि किसने सबसे अधिक बदलाव किए। हकीकत तो यह है कि तत्कालीन विपक्ष को जेल में डालकर संविधान की प्रस्तावना से छेड़छाड़ की गई थी।
गाबा टेस्ट में टीम इंडिया की हालत बेहद खराब है। ऋषभ पंत भी आउट हो चुके हैं। इस तरह से टीम इंडिया के चार बल्लेबाज पैविलियन लौट चुके हैं। चौथा विकेट गिरने तक भारत का स्कोर 48 रन था जबकि पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 445 रन बनाए हैं।
गाबा टेस्ट में टीम इंडिया की हालक खराब है। फिलहाल बारिश की वजह से खेल रुका हुआ है।