अहमदाबाद विमान हादसा: एयरपोर्ट के पास ऊंची इमारतें और झुग्गी किसने बनने दी?
जब गुजरात सरकार मेडिकल कॉलेज के विस्तार के लिए मेडिसिटी योजना को मंजूरी दे रही थी, तब एयरपोर्ट रनवे विस्तार के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की जमीन की मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।;
लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट के अहमदाबाद के मेघानीनगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुए एक हफ्ता बीत चुका है, जिसमें एक यात्री को छोड़कर सभी सवार लोग और उस वक्त ज़मीन पर मौज़ूद कई नागरिक मारे गए। अब सवाल यह उठता है कि राज्य सरकार ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल (SVP) अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे सेफ्टी क्षेत्र को बढ़ाने के लिए ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया क्यों नहीं पूरी की?
बीजे मेडिकल कॉलेज को भारी नुकसान
दुर्घटना के कुछ ही मिनटों बाद बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान चार मंजिला अतुल्यम–11 इमारत से टकरा गया, जिसमें बीजे मेडिकल कॉलेज के सीनियर डॉक्टरों के आवास थे। इसके साथ ही तीन मंजिला अंडरग्रेजुएट हॉस्टल भी क्षतिग्रस्त हुआ। इस हादसे में आठ लोगों की मौत हुई, जिनमें डॉक्टर और उनके परिजन शामिल थे।
मेघानीनगर झुग्गी बस्ती, जहां विमान गिरा, वहां 34 लोगों की मौत हुई और 112 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। जबकि यात्रियों और चालक दल की मौतों पर जांच अभी बाकी है, ज़मीन पर हुई मौतों को काफी हद तक टाला जा सकता था।
मेडिसिटी प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी, AAI की मांग लंबित
बीजे मेडिकल कॉलेज जिस मेडिसिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा है, उसे नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए आगे बढ़ाया गया, जबकि शुरुआत में इस योजना को अस्वीकार कर दिया गया था।
AAI ने गुजरात सरकार से एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए 2013 और फिर 2018 में अतिरिक्त जमीन मांगी थी। मई 2018 में एयरपोर्ट की सुरक्षा रिपोर्ट के आधार पर 29.79 एकड़ जमीन मांगी गई थी, जो मेघानीनगर की झुग्गी बस्ती तक जाती है। इसमें रनवे के लिए सेफ्टी जोन और समानांतर टैक्सीवे के निर्माण की बात कही गई थी।
AUDA (अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी) के एक अधिकारी ने बताया, “AAI का आवेदन अब भी विभाग के पास लंबित है।” लेकिन इसी दौरान मेडिसिटी प्रोजेक्ट को AUDA ने मंजूरी दे दी।
2011 में रिजेक्ट, 2013 में स्वीकृत
बीजे मेडिकल और सिविल अस्पताल के लिए नया आवासीय परिसर 2011 में प्रस्तावित किया गया था, लेकिन एयरपोर्ट की निकटता और 13 मंजिला इमारतों की ऊंचाई के चलते उसे खारिज कर दिया गया। पर 2013 में आवेदन फिर से किया गया और सात दिन के भीतर मंजूरी मिल गई। 2014 के अंत तक परियोजना का पहला चरण पूरा हो गया था।
मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट
2010 में मोदी सरकार ने 588 करोड़ रुपये के बजट से यह प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसमें 2000 से अधिक बेड के साथ अस्पताल का आधुनिकीकरण, 900-बेड का जनरल हॉस्पिटल, 500-बेड का संक्रामक रोग अस्पताल, UN मेहता इंस्टीट्यूट और डॉक्टरों के क्वार्टर शामिल थे।
2015 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने यहां एक आवासीय परिसर समेत कई संरचनाओं का उद्घाटन किया और परियोजना का बजट बढ़ाकर 3,460 करोड़ रुपये कर दिया गया।
नए निर्माण जारी
मेडिसिटी का नया 10 मंजिला भवन SVP एयरपोर्ट से 7 किमी दूर बन रहा है जिसमें 1,500 गाड़ियों की पार्किंग, संक्रामक रोगों के लिए अलग OPD, ऑपरेशन थिएटर और 115 बेड होंगे।
अब तक कुल 35 प्रोजेक्ट्स, जिनकी लागत 2,590 करोड़ रुपये है, मेडिसिटी कैंपस में पूरे हो चुके हैं।
2024 में समीक्षा बैठक
दिसंबर 2024 में गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने परियोजना की समीक्षा बैठक की थी। उन्होंने कहा था कि यह प्रधानमंत्री मोदी का सपना है और इसकी सेवाएं राज्य और देश की अन्य किसी भी अस्पताल से बेहतर होंगी।
नियम क्या कहते हैं?
URDPFI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी हवाई अड्डे के 20 किमी दायरे में कम घनत्व वाला विकास होना चाहिए, वहां न वन्यजीव हों, न ही चिड़ियाघर या अभयारण्य।
URDPFI के अनुसार, एयरपोर्ट फनल (विमान के टेक-ऑफ और लैंडिंग पथ) क्षेत्र में 20 मीटर से ऊंची कोई इमारत बिना AAI की मंजूरी के नहीं बन सकती।
बीजे मेडिकल कॉलेज और सिविल अस्पताल के जिन 12 चार मंजिला भवनों (अतुल्यम 1-12) और UG हॉस्टल को हादसे में नुकसान हुआ, वे इन नियमों का उल्लंघन करते हैं। यह विमान सुरक्षा संशोधन नियम 2024 का भी उल्लंघन है, जो हवाई अड्डों के आसपास इमारतों की ऊंचाई नियंत्रित करते हैं।
रनवे सुरक्षा उल्लंघन
नियमों के अनुसार, रनवे के 150 मीटर के भीतर कोई निर्माण नहीं हो सकता। रनवे से दूरी बढ़ने के साथ इमारत की ऊंचाई बढ़ाई जा सकती है — रनवे से 7 मीटर की दूरी पर 1 मीटर ऊंचाई, टेक-ऑफ और लैंडिंग क्षेत्र में 20 मीटर पर 1 मीटर।
DGCA के एक अधिकारी ने बताया, “SVP एयरपोर्ट का रनवे घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके तक फैला है। रनवे 2-3 (टेक-ऑफ) और रनवे 7 (लैंडिंग) — दोनों में बफर ज़ोन और अरेस्टर बेड नहीं हैं।”
रनवे सेफ्टी एरिया (RSA) एक निर्धारित क्षेत्र होता है जो रनवे के चारों ओर होता है ताकि आपातकालीन स्थिति में विमान को अतिरिक्त जगह मिल सके। इसमें क्रशेबल कंक्रीट से बने अरेस्टर सिस्टम भी बनाए जाते हैं ताकि रनवे से फिसलते विमान को रोका जा सके।
विनाश की कहानी
इस दुर्घटना ने बीजे मेडिकल कॉलेज कैंपस को गहरा नुकसान पहुँचाया। विमान का अगला हिस्सा अतुल्यम-11 इमारत से टकराया, जबकि मध्य भाग मेघानीनगर की झुग्गी पर गिरा और पीछे का हिस्सा व लैंडिंग गियर मेडिकल हॉस्टल के डाइनिंग हॉल में घुस गया।
अतुल्यम 2, 3 और 4 इमारतें भी आग की चपेट में आईं और कॉलेज की 13 आवासीय इमारतों को खाली कराना पड़ा।
गंभीर खतरे वाला क्षेत्र
घोड़ासर सर्कल, जिसे स्थानीय तौर पर ‘पुराना शहर’ कहा जाता है, मेघानीनगर झुग्गी, मेडिकल कॉलेज हॉस्टल और सिविल अस्पताल के आवासीय क्वार्टर्स को मिलाकर बनता है। यह एयरपोर्ट से सिर्फ 6 किमी दूर है और रनवे 2-3 और 7 की सीध में आता है।
यहां पर कई अहम प्रतिष्ठान जैसे मिलिट्री एम्युनिशन डिपो, स्पेशल टास्क फोर्स (STF) मुख्यालय, सिविल अस्पताल का नया ऑक्सीजन टैंक यूनिट। ये सभी एयरपोर्ट से 5 से 7 किमी की दूरी में स्थित हैं।