एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर विमानों को चुपचाप ग्राउंड करना सुरक्षा में चूक का संकेत
अहमदाबाद दुर्घटना के बाद एयर इंडिया के कई बोइंग 787 विमानों का गहन निरीक्षण किया जा रहा है, क्योंकि सामने आ रहे साक्ष्य व्यापक तकनीकी खामी की ओर इशारा कर रहे हैं।
By : Rachel Chitra
Update: 2025-11-07 14:44 GMT
Exclusive Report:
कहानी अब तक......
द फेडरल की इस खोजी श्रृंखला के पहले दो हिस्सों में हमने बताया था कि एयर इंडिया की उड़ान AI 171 के कोर नेटवर्क में आई गड़बड़ी ने कैसे एक-के-बाद-एक तकनीकी विफलताओं को जन्म दिया, जो आखिरकार 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुई भीषण दुर्घटना में तब्दील हुई। इस हादसे में 241 यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गए और 19 लोग ज़मीन पर अपनी जान गंवा बैठे।
अब तीसरे भाग में हम यह जांचते हैं कि क्या एयर इंडिया के पूरे बोइंग ड्रीमलाइनर बेड़े में वही समस्या मौजूद है, जिसने AI 171 को दुर्घटना का शिकार बनाया?
एक्सक्लूसिव खुलासा: तीन ड्रीमलाइनर ग्राउंड, छह वैश्विक घटनाएं
द फेडरल को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के अनुसार, एयर इंडिया ने चुपचाप अपने तीन बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान ग्राउंड कर दिए हैं। यह तब हुआ जब अहमदाबाद हादसे के बाद से विश्वभर में छह ड्रीमलाइनर विमानों में तकनीकी घटनाएं दर्ज की गई हैं।
इसके साथ ही द फेडरल के पास यह भी सबूत हैं कि AI 171 ने उड़ान भरने से 15 मिनट पहले, यानी दोपहर 1:23 बजे (IST), अपनी पावरलाइनों में फॉल्ट रिपोर्ट किया था।
यह संकेत था कि विमान में RAT (Ram Air Turbine) का समय से पहले डिप्लॉय होना शुरू हो गया था और यह इस बात का सबूत माना जा सकता है कि विमान में पहले से विद्युत गड़बड़ी थी, पायलट की गलती नहीं।
तीन विमान, तीन देशों में ग्राउंड
एयर इंडिया ने चुपचाप तीन बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (दो विदेशों में और एक भारत में ) ‘एक्सटेंडेड इंस्पेक्शन’ के लिए ग्राउंड किए। यह कार्रवाई जून की दुर्घटना के बाद कुछ हफ्तों के भीतर की गई।
यह वही अवधि थी जब एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने 29 अक्टूबर को एविएशन इंडिया 2025 में यह बयान दिया था कि “विमान संचालन में कोई खामी नहीं पाई गई।”
लेकिन तथ्य यह बताते हैं कि ग्राउंडिंग बिल्कुल यूं ही नहीं हुई।
9 अक्टूबर को, वियना–दिल्ली मार्ग पर उड़ान AI 154 को मध्य-आकाश में ऑटो-पायलट फेल होने के बाद दुबई की ओर मोड़ना पड़ा।
इसके पहले, अहमदाबाद हादसे के बाद, एक-के-बाद-एक चार गंभीर तकनीकी घटनाएं एयर इंडिया के ड्रीमलाइनरों में हो चुकी थीं।
छह महीने, छह घटनाएं
AI 171 के हादसे के बाद सिर्फ एक सप्ताह में AI 310 (हांगकांग–दिल्ली) उड़ान को तकनीकी खराबी के चलते वापस लौटना पड़ा। 4 अक्टूबर को AI 117 (अमृतसर–बर्मिंघम) उड़ान के दौरान 1,600 फीट की ऊंचाई पर RAT अपने आप डिप्लॉय हो गया।
इसी तरह, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 31 जुलाई को, LATAM Airlines की उड़ान LA 603 (लॉस एंजिलिस–सैंटियागो) में विद्युत समस्या से RAT अपने आप बाहर निकल आया।
25 जुलाई को, United Airlines की उड़ान UA 108 (वॉशिंगटन–म्यूनिख) में इंजन बंद हो गया।
बढ़ता खतरा: क्या यह बेड़े की आम कमजोरी है?
बोइंग कंपनी ने हाल में स्वीकार किया कि अब तक 31 ड्रीमलाइनर विमानों में RAT अपने आप डिप्लॉय हुआ है। इससे एक खतरनाक पैटर्न उभरता है, जो यह दर्शाता है कि AI 171 (VT-ANB) में जो विद्युत अस्थिरता थी, वह सिर्फ उसी विमान की नहीं, बल्कि पूरे बेड़े की प्रणालीगत कमजोरी हो सकती है।
मेंटेनेंस रिकॉर्ड: चुपचाप रखी गई मरम्मतें
तीनों ग्राउंड किए गए ड्रीमलाइनर अलग-अलग Maintenance, Repair & Overhaul (MRO) केंद्रों पर रखे गए:
VT-ANA — अम्मान, जॉर्डन (Joramco) में 5 अगस्त से 11 अक्टूबर 2025 तक।
यह वही विमान था जो एयर इंडिया का पहला ड्रीमलाइनर था (नवंबर 2012)।
VT-ANE — अबू धाबी (Etihad Engineering) में 15 जुलाई से 24 सितंबर तक।
VT-ANG — मुंबई MRO में 25 जुलाई से अब तक, लगातार तकनीकी जांच में।
एविएशन इंजीनियरों के अनुसार, इस स्तर की “लंबी अवधि की संरचनात्मक जांच” आम नहीं है। यह एक “ रिलायबिलिटी इंटरवेंशन ” जैसा लगता है, यानी विश्वसनीयता की आपात मरम्मत अभियान।
पायलट संघों की चेतावनी
भारतीय पायलट संघ के अध्यक्ष सैम थॉमस का कहना है कि अगर तीन से ज़्यादा 787 विमानों को इतनी लंबी अवधि के लिए ऑफलाइन रखा गया है, तो यह सामान्य मेंटेनेंस नहीं लगता। हमें जानना होगा कि असल में किस वजह से इन्हें ग्राउंड किया गया है।
एक ही श्रृंखला में कई खराबियां
एयर इंडिया के इस सबफ़्लीट में 26 बोइंग 787-8 विमान हैं (VT-ANA से VT-ANZ तक)।
तीन ग्राउंड, दो ऑफलाइन यानी लगभग पांच विमान उड़ान योग्य नहीं।
कर्मचारियों का मानना है कि यह एक “प्लैटफ़ॉर्म-स्तरीय सिस्टम फेल्योर” का संकेत हो सकता है।
इन इंजीनियरों के अनुसार, DGCA (भारत), FAA (अमेरिका) और Boeing तीनों को अब इस संभावित “ कॉमन मोड फेलियर ” पर पारदर्शिता दिखानी होगी।
नई मरम्मत योजना
फ्लाइटरडार के मुताबिक, VT-ANT और VT-ANP नामक दो और विमान अक्टूबर में Boeing के विक्टरविल (कैलिफोर्निया) स्थित MRO बेस पर भेजे गए हैं।
ये $400 मिलियन की लागत वाले रीफ़र्बिशमेंट प्रोग्राम का हिस्सा हैं, जिसके तहत सभी 26 ड्रीमलाइनरों को 2027 तक अपग्रेड किया जाएगा।
रहस्यमयी RAT: आखिर यह बाहर क्यों आता है?
AAIB रिपोर्ट में दिखाए गए CCTV फुटेज में दिखता है कि AI 171 के टेकऑफ़ के कुछ सेकंड बाद RAT अपने आप सक्रिय हो गया।
RAT यानी Ram Air Turbine एक छोटा पवन-चालित टर्बाइन है, जो इंजन बंद होने पर आपातकालीन बिजली पैदा करता है।
लेकिन पिछले चार महीनों में, तीन ड्रीमलाइनरों में “ अनकमान्डेड रैट डिप्लॉयमेंट” हुआ यानी यह बिना ज़रूरत अपने आप निकल आया।
इनमें शामिल हैं:
एयर इंडिया की AI 171 (अहमदाबाद)
LATAM LA 603 (लॉस एंजिलिस–सैंटियागो)
एयर इंडिया की AI 117 (अमृतसर–बर्मिंघम)
DGCA और Boeing की जांच
DGCA ने अब इन लगातार हो रहे “अनकमान्डेड रैट डिप्लॉयमेंट” की जांच शुरू की है।
Boeing ने DGCA को बताया कि उसने 31 ड्रीमलाइनरों में यही पैटर्न देखा है और यह अधिकतर RAT मेंटेनेंस या इलेक्ट्रिकल रीसेट के छह महीने के भीतर हुआ।
RAT क्यों सक्रिय होता है?
Boeing के मुताबिक, यह समस्या “मैकेनिकल” भी हो सकती है।
कभी-कभी लैंडिंग के झटकों या रनवे की कंपन से हाइड्रॉलिक शटल वाल्व ढीला हो जाता है, जिससे RAT अपने आप बाहर निकल आता है।
कंपनी ने 2014 में इसका डिज़ाइन सुधारने का सुझाव दिया था, लेकिन यह वैकल्पिक था, अनिवार्य नहीं।
गहराई में छिपी असली समस्या: विद्युत नेटवर्क
Boeing 787 की पूरी सिस्टम आर्किटेक्चर एक “शेयर्ड इलेक्ट्रिकल नेटवर्क” पर आधारित है, जहाँ फ्लाइट कंट्रोल, हाइड्रॉलिक्स, और पावर सिस्टम सभी एक ही कोर नेटवर्क से जुड़े हैं।
Boeing ने ऐसा वजन और वायरिंग घटाने के लिए किया था। पर इसी वजह से एक हिस्से की छोटी विद्युत अस्थिरता, पूरे नेटवर्क को प्रभावित कर सकती है, यहाँ तक कि RAT को भी गलत तरीके से सक्रिय कर सकती है।
हादसे से पहले चेतावनी संकेत
AI 171 में यह “shared backbone” पहले से ही बीमार थी।
9 जून से “कोर नेटवर्क डिग्रेडेशन” का कैट C MEL दर्ज था।
10 जून को NGS पावर/कंट्रोल लाइन में कैट A MEL।
(नोट: MEL का अर्थ है “Minimum Equipment List”, यानी विमान कुछ खामियों के बावजूद उड़ान भर सकता है, लेकिन तय समय में ठीक करना आवश्यक होता है।)
टेकऑफ़ से पहले 15 मिनट की गड़बड़ी
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका (PIL) के अनुसार उड़ान से 15 मिनट पहले (1:23 PM IST) ही विमान के दोनों Bus Power Control Units (BPCU) फेल होने लगे थे।
इसी दौरान, पायलटों के Electronic Flight Bags (EFBs) भी बंद हो गए।
यानी विमान का वही पावर सर्किट, जो उड़ान उपकरणों को चलाता है, टेकऑफ़ से पहले ही अस्थिर हो चुका था।
उड़ान के अंतिम मिनट
AAIB के अनुसार, 13:38 IST वह घातक मिनट था। जिसमें विमान ने रनवे छोड़ा, इंजन ने ईंधन खोया और RAT सक्रिय हो गया। द फेडरल को मिले ACARS डेटा कोड (247450002 597) के मुताबिक फॉरवर्ड एवियोनिक्स पावर बस में फॉल्ट दर्ज हुआ। वही लाइन, जो RAT को ट्रिगर करती है।
पायलट की गलती या सिस्टम की?
यह सवाल जांच का मूल है। अगर RAT इंजन बंद होने से पहले ही सक्रिय हुआ तो इसका अर्थ है कि विमान ने पहले ही बिजली खो दी थी। यानी सिस्टम फेल्योर, पायलट की गलती नहीं।
इंजीनियरों के अनुसार, RAT तभी ट्रिगर होता है जब BPCU पावर लॉस को महसूस करता है और AI 171 में यह लॉस टेकऑफ़ से पहले ही दर्ज था।
AI 171 हादसे की जांच जितनी आगे बढ़ रही है, उतनी ही गहरी तकनीकी कमजोरियां और प्रबंधन की चुप्पी उजागर हो रही हैं।
एक ऐसा नेटवर्क जो 50 से अधिक सिस्टमों को जोड़ता है, वही विमान के लिए “सिंगल पॉइंट ऑफ फेल्योर” साबित हुआ।
तीन विमानों का रहस्यमय ग्राउंड होना लगातार RAT गड़बड़ियां और बेड़े-भर में दिख रही इलेक्ट्रिकल अस्थिरता, ये सब संकेत हैं कि मामला सिर्फ एक विमान का नहीं, बल्कि पूरे ड्रीमलाइनर बेड़े की संरचनात्मक खामी का हो सकता है।
(Disclaimer: The AAIB has not yet released its final report on the AI 171 crash. All the technical scenarios presented here are based on preliminary information and remain hypotheses. Airlines routinely conduct both scheduled and precautionary checks, especially following major incidents.)