संसद में गरजे अमित शाह! आतंकवाद, नक्सलवाद और कश्मीर पर विपक्ष को करारा जवाब

Amit Shah ने अपने भाषण में सरकार के विभिन्न सुरक्षा और विकास कार्यों को गिनाया और विपक्ष की नीतियों पर आलोचनात्मक टिप्पणी की.;

Update: 2025-03-21 18:51 GMT

Amit Shah in the Rajya Sabha: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कार्यों पर चर्चा का जवाब देते हुए सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्ट किया. उन्होंने विशेष रूप से आतंकवाद, नक्सलवाद और कश्मीर जैसे मुद्दों पर विपक्ष को घेरते हुए अपनी सरकार की नीतियों का समर्थन किया.

आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस

अमित शाह ने कहा कि भारत में पिछले चार दशकों से आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर के उग्रवाद जैसे तीन गंभीर मुद्दे देश की शांति और सुरक्षा के लिए संकट बने हुए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, जिसके तहत आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद कश्मीर में आतंकवादी हमलों पर मुंहतोड़ जवाब दिया गया. उन्होंने उरी और पुलवामा हमलों का जिक्र करते हुए बताया कि इन हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए आतंकियों को जवाब दिया.

अनुच्छेद 370

अमित शाह ने कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व सरकारों का रवैया लचीला था और वे वोट बैंक की राजनीति में उलझी रहती थीं. इसके परिणामस्वरूप आतंकवादी लगातार कश्मीर में घुसपैठ करते रहे. शाह ने 5 अगस्त 2019 को संसद में अनुच्छेद 370 को हटाने का जिक्र करते हुए कहा कि यह कदम कश्मीर में अलगाववाद को खत्म करने के लिए उठाया गया.

नक्सलवाद

गृह मंत्री ने नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता का भी जिक्र किया. उन्होंने कि किसी सरकार द्वारा नक्सलवाद को एक राजनीतिक मुद्दा मानने और किसी अन्य सरकार द्वारा इसे सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण से सुलझाने में अंतर होता है. छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भाजपा सरकार बनने के बाद एक साल के भीतर 380 नक्सली मारे गए और 1194 गिरफ्तार किए गए. इसके अलावा, 1045 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.

पूर्वोत्तर में उग्रवाद

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं. उन्होंने 2019 से अब तक 12 शांति समझौतों का जिक्र करते हुए कहा कि 10,900 युवाओं ने हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं. शाह ने यह भी बताया कि वह हाल ही में बोडोलैंड गए थे, जहां हजारों युवा अब विकास की दिशा में काम कर रहे हैं.

राज्य की सीमा तक सीमित नहीं रह गए अपराध

गृह मंत्री ने राज्यसभा में यह भी कहा कि अब देश में कई प्रकार के अपराध राज्य की सीमा तक सीमित नहीं रह गए हैं. नारकोटिक्स, साइबर अपराध, संगठित अपराध गिरोह और हवाला जैसे अपराध अब अंतरराज्यीय और बहुराज्यीय हो गए हैं. शाह ने बताया कि इन अपराधों को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय में बदलाव करना आवश्यक हो गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं.

हिंदी पर विपक्ष को जवाब

केंद्रीय गृह मंत्री ने विपक्ष द्वारा हिंदी भाषा को लेकर उठाए जा रहे विवादों पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हिंदी किसी अन्य भाषा से प्रतिस्पर्धा नहीं करती, बल्कि यह सभी भारतीय भाषाओं की सखी है. शाह ने यह भी कहा कि भारत में भाषा के नाम पर बहुत विभाजन हो चुका है और अब ऐसा नहीं होना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि हर भारतीय भाषा देश के लिए एक खजाना है और सरकार भारतीय भाषाओं के प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है.

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