संजय भंडारी ने ED की 'भगोड़ा' घोषित करने की याचिका का विरोध किया

संजय भंडारी ने कहा कि वे कानूनी तौर पर यूके (ब्रिटेन) में रह रहे हैं क्योंकि लंदन हाई कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण से इनकार कर दिया है।;

Update: 2025-04-20 12:39 GMT
संजय भंडारी (फाइल फोटो)

हथियार डीलर संजय भंडारी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की उस याचिका का विरोध किया है जिसमें उन्हें "भगोड़ा" घोषित करने की मांग की गई है। भंडारी ने कहा कि वे कानूनी तौर पर यूके (ब्रिटेन) में रह रहे हैं क्योंकि लंदन हाई कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण (Extradition) से इनकार कर दिया है।

भंडारी के वकील ने अदालत को बताया कि ईडी की याचिका अधूरी और कानून के अनुसार गलत है। उन्होंने कहा कि 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम' के तहत किसी को भगोड़ा तभी घोषित किया जा सकता है जब उस पर ₹100 करोड़ या उससे ज्यादा की गड़बड़ी का आरोप हो। लेकिन ईडी के पास ऐसा कोई पक्का सबूत नहीं है।

भंडारी के वकील ने यह भी बताया कि आयकर विभाग खुद मान चुका है कि केस में रकम ₹100 करोड़ से कम है। इसके अलावा, जिस गैर-जमानती वारंट के आधार पर उन्हें यूके में पकड़ा गया था, वह भी यूके कोर्ट ने खारिज कर दिया है, और अब कोई नया वारंट नहीं है।

अब अदालत ने ईडी से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 3 मई को होगी।

यूके कोर्ट ने क्या कहा?

यूके की हाई कोर्ट ने कहा कि अगर भंडारी को भारत भेजा गया, तो तिहाड़ जेल में उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है। उन्हें वहां जबरन वसूली, धमकी और हिंसा का डर रहेगा।

अदालत ने कहा कि तिहाड़ जेल में भीड़ बहुत ज्यादा है और स्टाफ की कमी है, इसलिए भंडारी की सुरक्षा पक्की नहीं है। भारत सरकार ने जेल की सुरक्षा को लेकर जो वादे किए थे, वे भरोसेमंद नहीं लगे।

इसीलिए यूके कोर्ट ने मानवाधिकारों के आधार पर भंडारी का भारत प्रत्यर्पण रोक दिया और उन्हें आज़ाद कर दिया।

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