भारत की आंखें आज गगन की ओर, शुभांशु शुक्ला AX-4 मिशन से होंगे रवाना

इसरो अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य के साथ एक्सिओम मिशन 4, फ्लोरिडा से दोपहर 12:01 बजे लॉन्च के लिए तैयार हैं। मौसम करीब 90 फीसद साफ है।;

Update: 2025-06-25 03:17 GMT
यह मिशन फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से उड़ान भरेगा। कंपनी के फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च होने के बाद क्रू नए स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर ऑर्बिटिंग प्रयोगशाला की यात्रा करेगा।

Axiom Mission-4: भारत के लिए एक और ऐतिहासिक क्षण आ रहा है, क्योंकि भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर जाने वाले हैं। यह मिशन ISRO के गगनयान कार्यक्रम और Axiom Mission-4 (Ax-4) के तहत 25 जून 2025 को लॉन्च होगा। इस मिशन में भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री हिस्सा लेंगे।

आइए, शुभांशु शुक्ला और उनके इस ऐतिहासिक मिशन से जुड़े 10 महत्वपूर्ण पहलुओं को जानते हैं।

भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री

शुभांशु शुक्ला राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत मिशन से अंतरिक्ष यात्रा की थी।

Axiom-4 मिशन के पायलट

शुक्ला Ax-4 मिशन के पायलट होंगे। यह एक निजी मिशन है जिसे NASA, SpaceX और ISRO के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। लॉन्चिंग अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से Falcon 9 रॉकेट के जरिए होगी।

ISS पर जाने वाले पहले भारतीय

शुभांशु ऐसे पहले भारतीय होंगे जो ISS (अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) पर जाएंगे। वह 14 दिनों तक वहां रहकर प्रयोग करेंगे।

वायुसेना का अनुभवी टेस्ट पायलट

शुभांशु भारतीय वायुसेना के अनुभवी टेस्ट पायलट हैं। उन्होंने सुखोई-30, मिग-21, मिग-29, जैगुआर और हॉक जैसे लड़ाकू विमानों पर 3000 घंटे से अधिक उड़ान भरी है। उन्हें रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में भी प्रशिक्षण मिला है।

12 वैज्ञानिक प्रयोगों का हिस्सा

ISS पर वे 7 भारतीय और 5 नासा के प्रयोग करेंगे। इनमें अंतरिक्ष में मूंग और मेथी उगाने, और मानव शरीर पर भारहीनता के प्रभाव को लेकर शोध शामिल हैं।

भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व

शुक्ला अंतरिक्ष में योग करेंगे और भारतीय मिठाइयां तथा एक प्रतीकात्मक खिलौना हंस (Joy) साथ ले जाएंगे, जो भारतीय सांस्कृतिक पहचान को दर्शाएगा।

मिशन में देरी और तकनीकी चुनौतियां

मौसम और तकनीकी कारणों से Ax-4 मिशन को अब तक 7 बार स्थगित किया जा चुका है । लेकिन अब 25 जून को लॉन्च की उम्मीद है।

कई देशों का सहयोग

इस मिशन में भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। इन देशों के लिए यह लगभग 40 वर्षों बाद पहला अंतरिक्ष मिशन है।

 गगनयान मिशन की पूर्वतैयारी

Ax-4 मिशन, भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन 2026 की तैयारी में एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसमें तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा।

करोड़ों छात्रों के लिए बनेंगे प्रेरणा 

शुक्ला, अंतरिक्ष से भारतीय छात्रों के साथ लाइव संवाद करेंगे और अपनी यात्रा के तस्वीरें व वीडियो साझा करेंगे। उनका यह अनुभव भारत में STEM (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, गणित) की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरती पहचान का प्रतीक भी है। 

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