राहुल गांधी पर बीजेपी का पलटवार: कांग्रेस ने तीन पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों को ‘राजनीतिक तौर पर प्रमोट’ किया

बीजेपी ने टी.एन. शेषन का नाम लिया, जिन्होंने एक चुनाव लड़ा था; एम.एस. गिल का नाम लिया, जो यूपीए सरकार में मंत्री रहे; और वी.एस. रामादेवी का नाम लिया, जो पहली महिला मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) बनीं और बाद में आई.के. गुजराल तथा अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान राज्यपाल रहीं।

Update: 2025-09-19 13:15 GMT
(बाएँ से दाएँ) वी.एस. रामादेवी, टी.एन. शेषन और एम.एस. गिल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस लगातार आरोप का जवाब देते हुए कि चुनाव आयोग (ईसी) नरेंद्र मोदी सरकार के पक्ष में पक्षपाती है, बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तीन पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) कार्यकाल पूरा करने के बाद राजनीति में आ गए।

ठाकुर ने कहा, “रामादेवी जी, एम. एस. गिल, टी. एन. शेषन – किस पार्टी ने इन्हें चुनाव आयुक्त बनाया और अंततः ये किस पार्टी में शामिल हुए? इन्होंने चुनाव आयोग का दुरुपयोग किया, बड़े पद दिए गए… राहुल गांधी बार-बार भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला कर रहे हैं, उसे कमजोर कर रहे हैं, जनता को गुमराह कर रहे हैं और देश में बांग्लादेश-नेपाल जैसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं।”

वी. एस. रामादेवी

26 नवंबर 1990 को सीईसी नियुक्त हुईं रामादेवी चुनाव आयोग की पहली महिला प्रमुख थीं। वी. पी. सिंह सरकार (जिसे उस समय बीजेपी और वामदलों का बाहर से समर्थन प्राप्त था) ने अपने पूर्ववर्ती आर. वी. एस. पेरि शास्त्री की मृत्यु के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी दी। उस समय वे विधि मंत्रालय के विधायी विभाग में सचिव थीं।

हालाँकि, जब उन्होंने पद संभाला, तब तक वी. पी. सिंह सरकार लोकसभा में बहुमत खो चुकी थी और उनके पद से हटने का समय आ गया था। यही वजह रही कि रामादेवी का कार्यकाल बेहद छोटा रहा और 16 दिन बाद, 11 दिसंबर 1990 को उनका कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके बाद चंद्रशेखर सरकार (जिसे कांग्रेस का समर्थन था) में विधि मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने उनकी फाइल राष्ट्रपति भवन से वापस बुला ली और टी. एन. शेषन की नियुक्ति कर दी।

रामादेवी वापस विधि मंत्रालय लौटीं और वहीं से रिटायर हुईं। रिटायरमेंट के बाद जुलाई 1993 में वे राज्यसभा की पहली महिला महासचिव बनीं। इसके बाद वे हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल रहीं (जुलाई 1997 – दिसंबर 1999, आई. के. गुजराल सरकार के दौरान) और बाद में अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में कर्नाटक की पहली महिला राज्यपाल बनीं (दिसंबर 1999 – अगस्त 2002)। दिसंबर 2013 में 79 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया।

टी. एन. शेषन

12 दिसंबर 1990 को भारत के 10वें सीईसी बने शेषन अब तक के सबसे हाई-प्रोफाइल चुनाव आयुक्तों में गिने जाते हैं। “राजनेताओं को नाश्ते में खा जाते हैं” जैसी टिप्पणियाँ उनकी पहचान बन गई थीं। उनका कार्यकाल 12 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर 1996 तक रहा।

उन्होंने चुनावी सुधारों की ऐसी शुरुआत की जिससे ईसी की साख बेहद मजबूत हुई। उन्होंने 150 चुनावी गड़बड़ियों की सूची बनाई—जैसे शराब बांटना, वोटरों को रिश्वत देना, दीवारों पर नारे लिखना, धार्मिक आधार पर भाषण देना। उनके कार्यकाल में वोटर आईडी कार्ड, आचार संहिता और चुनाव खर्च पर सीमा जैसी व्यवस्थाएँ लागू हुईं।

1993 में जब नरसिम्हा राव सरकार ने दो अतिरिक्त चुनाव आयुक्त नियुक्त किए (एम. एस. गिल और जी. वी. जी. कृष्णमूर्ति), तो शेषन सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए। उनका तर्क था कि यह उनकी शक्तियों को कम करने की कोशिश है। अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी।

1995 बिहार चुनाव में बूथ कैप्चरिंग रोकने के लिए उन्होंने डीएमों का बड़े पैमाने पर तबादला किया और केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात किए। इस दौरान लालू प्रसाद ने उन्हें “रौद्र बैल” कहा।

रिटायरमेंट के बाद भी वे राजनीति में सक्रिय रहे। 1997 में राष्ट्रपति चुनाव लड़े, पर के. आर. नारायणन से करारी हार मिली। 1999 में उन्होंने गांधीनगर से कांग्रेस के टिकट पर एल. के. आडवाणी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन 1.88 लाख वोटों से हार गए। 10 नवंबर 2019 को चेन्नई में उनका निधन हुआ।

एम. एस. गिल

1996 में शेषन के बाद सीईसी बने गिल ने 2001 तक कार्य किया। उनके कार्यकाल में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) लागू हुई।

रिटायरमेंट के बाद गिल कांग्रेस में शामिल हो गए और 2004 से 2016 तक राज्यसभा सदस्य रहे। इस दौरान वे खेल मंत्री और सांख्यिकी व कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री भी रहे।

2008 में उन्हें मंत्री बनाए जाने पर बीजेपी ने आलोचना की और कहा कि संवैधानिक पद पर रहे व्यक्ति को मंत्री बनाना गलत मिसाल है। 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों में देरी और भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्हें संसद में तीखी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा।

अक्टूबर 2023 में उनका निधन हो गया।

Tags:    

Similar News