Budget 2024: इनकम टैक्स में बदलाव की उम्मीद, मैन्युफैक्चरिंग को भी मिल सकता है बढ़ावा

मोदी 3.0 सरकार का बजट न केवल अपने सहयोगियों की नई वित्तीय मांगों पर प्रशासन की प्रतिक्रिया को दर्शाएगा. बल्कि अगले पांच वर्षों के लिए अपने विजन और सुधार एजेंडे को भी स्पष्ट करेगा.

Update: 2024-07-15 11:19 GMT

Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को अपना सातवां बजट पेश करने की तैयारी कर रही हैं. मोदी 3.0 सरकार का बजट न केवल अपने सहयोगियों की नई वित्तीय मांगों पर प्रशासन की प्रतिक्रिया को दर्शाएगा. बल्कि अगले पांच वर्षों के लिए अपने विजन और सुधार एजेंडे को भी स्पष्ट करेगा.

ब्रोकरेज संगठन का अनुमान है कि सरकार वित्त वर्ष 25 के लिए अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को जीडीपी के 5.1% से घटाकर 5% कर देगी. यह समायोजन कमजोर राजनीतिक जनादेश के बावजूद राजकोषीय स्थिरता बनाए रखने के सरकार के दृढ़ संकल्प का संकेत देगा. राजकोषीय अनुशासन पर जोर इस साल के बजट की आधारशिला होने की उम्मीद है.

बजट 2024 की उम्मीदें:

इनकम टैक्स में बदलाव

उपभोक्ता मांग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार नई टैक्स व्यवस्था के तहत करदाताओं के लिए मानक कटौती सीमा बढ़ाने पर विचार कर सकती है, जो बिना छूट के कम दरें प्रदान करती है. बैंक ब्याज से प्राप्त आय के लिए छूट सीमा में भी वृद्धि हो सकती है. इसके अलावा 5 लाख से 15 लाख रुपये के बीच कमाने वाले लोगों के लिए व्यक्तिगत आयकर दरों में कमी की संभावना है.

सामाजिक क्षेत्र के खर्च को बढ़ाना

बजट में विभिन्न योजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाकर ग्रामीण क्षेत्र को प्राथमिकता देने की संभावना है. इसमें आवास के लिए सब्सिडी में वृद्धि, जिसका अनुमान 23,000 करोड़ रुपये (जीडीपी का लगभग 0.07%) है, के साथ-साथ ग्रामीण सड़कों और रोजगार पहलों के लिए बढ़ा हुआ वित्त पोषण शामिल है.

मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा

सरकार घरेलू मैन्युफैक्चरिंग के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी. संभावित उपायों में सार्वजनिक खरीद के लिए न्यूनतम स्थानीय सामग्री की आवश्यकता को बढ़ाना, नई मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं के लिए 15% रियायती कॉर्पोरेट टैक्स की दर को बहाल करना और इलेक्ट्रॉनिक्स वैश्विक मूल्य श्रृंखला को एकीकृत करने की साल 2019 की नीति को संशोधित करना शामिल है. वहीं, उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को इलेक्ट्रॉनिक घटकों तक भी बढ़ाए जाने की उम्मीद है.

बुनियादी ढांचा

यह सरकार की आर्थिक रणनीति का एक मूलभूत पहलू बना रहेगा. कुल पूंजीगत व्यय परिव्यय में जीडीपी के 3.5% की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो अंतरिम बजट में 3.4% था. राज्य की मांगों के जवाब में, सरकार बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 50-वर्षीय ब्याज-मुक्त ऋण योजना के तहत बिना शर्त हस्तांतरण को भी बढ़ा सकती है. विश्लेषकों को उम्मीद है कि एक व्यापक योजना बनाई जाएगी, जिसमें साल 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की भारत की आकांक्षा को रेखांकित किया जाएगा और अगले पांच वर्षों के लिए विशिष्ट उद्देश्यों का विवरण दिया जाएगा.

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