NDLS भगदड़: सिर से गिरा सामान बना हादसे की वजह, संसद में रेल मंत्री का खुलासा

February 2025 Stampede: रेल मंत्री ने जोर दिया कि यह हादसा एक बड़ी सीख है और रेलवे भविष्य में किसी भी ऐसी घटना को रोकने के लिए पूरी तत्परता से काम कर रहा है.;

Update: 2025-08-02 01:16 GMT

New Delhi Railway Station Accident: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद में बताया कि बीते फरवरी महीने में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भीषण भगदड़ की वजह एक यात्री के सिर से गिरा भारी सामान था. इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 4 बच्चे और 11 महिलाएं शामिल थीं. मंत्री ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के लिखित सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी.

रेलवे द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच समिति ने 15 फरवरी को हुए इस हादसे के पीछे "गिरते हुए सामान" को मुख्य कारण बताया है. भगदड़ शाम 9:15 से 9:30 बजे के बीच प्लेटफॉर्म 14 और 15 को जोड़ने वाली सीढ़ियों पर हुई थी, जब हजारों यात्री प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान बिहार जाने वाली ट्रेनों के लिए स्टेशन पर उमड़ पड़े थे.

मंत्री ने बताया कि एक यात्री के सिर से भारी सामान गिरा, जिससे सीढ़ियों पर दबाव बढ़ा और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे. यह हादसा शाम 8:48 बजे फुट-ओवर ब्रिज नंबर 3 पर हुआ था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों की मौत का कारण ट्रॉमैटिक एस्फिक्सिया (दम घुटना) था. जांच में यह भी पाया गया कि घटना से पहले 8:15 बजे के बाद फुट-ओवर ब्रिज पर यात्री धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे थे, जिससे भीड़ अत्यधिक हो गई थी.

भीड़ प्रबंधन की विफलता

हालांकि, रेलवे के पास भीड़ प्रबंधन की पर्याप्त व्यवस्था थी, लेकिन बहुत से यात्री भारी सामान सिर पर लेकर चल रहे थे, जिससे 25 फुट चौड़े ब्रिज पर आवाजाही बाधित हो रही थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उस शाम स्टेशन पर 7,600 अनारक्षित टिकट बेचे गए थे और भीड़ 6 बजे से ही बढ़ने लगी थी. विशेषज्ञों ने इस घटना को पूरी तरह से रोके जा सकने वाला और क्लासिक मिसमैनेजमेंट करार दिया.

बचाव के उपाय

रेल मंत्री ने संसद को बताया कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए रेलवे 73 ऐसे स्टेशनों पर समग्र भीड़ प्रबंधन उपाय लागू करेगा, जहां नियमित रूप से भारी भीड़ रहती है. इन स्टेशनों के बाहर स्थायी प्रतीक्षा क्षेत्र बनाए जाएंगे, जैसा कि 2024 के पर्व सीजन के दौरान अस्थायी रूप से किया गया था. नई व्यवस्था के तहत यात्रियों को तभी प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति मिलेगी, जब ट्रेन स्टेशन पर पहुंचेगी. 73 चिहिन्त स्टेशनों पर पूरी तरह एक्सेस कंट्रोल लागू किया जाएगा. केवल कन्फर्म आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को प्लेटफॉर्म तक सीधी पहुंच मिलेगी. बिना टिकट या प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को स्टेशन के बाहर बने क्षेत्रों में इंतजार करना होगा. सभी अवैध प्रवेश बिंदु सील किए जाएंगे.

सुविधाओं का विस्तार और निगरानी

रेलवे अब संकरी पुरानी पुलों को हटाकर 12 मीटर और 6 मीटर चौड़े नए फुट-ओवर ब्रिज बनाएगा, जो हाल ही के महाकुंभ में प्रभावी सिद्ध हुए थे. सभी प्रमुख स्टेशनों पर सीसीटीवी निगरानी प्रणाली, वार रूम, वॉकी-टॉकी और घोषणा प्रणाली जैसी तकनीकी व्यवस्थाएं लगाई जाएंगी.

नई जिम्मेदारियां

हर बड़े स्टेशन पर एक स्टेशन डायरेक्टर नियुक्त किया जाएगा, जिनके पास तत्काल निर्णय लेने के लिए वित्तीय अधिकार होंगे. सभी विभाग अब स्टेशन डायरेक्टर को रिपोर्ट करेंगे. केवल अधिकृत कर्मचारियों को ही स्टेशन में प्रवेश मिलेगा; इसके लिए सभी को नई यूनिफॉर्म और पहचान पत्र दिए जाएंगे. स्टेशन डायरेक्टर स्टेशन की क्षमता और ट्रेनों की उपलब्धता के अनुसार टिकट बिक्री को नियंत्रित करेंगे. रेल मंत्री ने जोर दिया कि यह हादसा एक बड़ी सीख है और रेलवे भविष्य में किसी भी ऐसी घटना को रोकने के लिए पूरी तत्परता से काम कर रहा है.

Tags:    

Similar News