अगले साल से जनगणना ! जानें- कैसे बदल जाएगी संसद की तस्वीर
जनगणना को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। 2025 से इसकी शुरुआत होगी और पूरी प्रक्रिया 2026 तक खत्म होगी। ऐसा होता है कि तो परिसीमन का रास्ता साफ हो जाएगा।;
Census 2025 News: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर विपक्ष वैसे तो कई मुद्दों पर हमला करता है, उनमें से जनगणना भी खास मुद्दा है। पिछली जनगणना 2011 (Census 2011)में हुई थी। 10 साल के अंतराल पर होने वाली गणना को साल 2021 में शुरू करना था। लेकिन कोविड की वजह से संभव नहीं हो सका। कोविड का कोहराम जब शांत हुआ तो विपक्ष ने आरोप लगाया कि अब तो कोई आपदा नहीं है, केंद्र सरकार यानी नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) जानबूझकर कुछ खास मकसद से इसे अटकाने का काम कर रही है। हालांकि अब इस तरह की खबर आ रही है कि जनगणना का काम साल 2025 में शुरू कराया जाएगा और 2026 में इसके नतीजे घोषित किए जाएंगे। यह जनगणना क्यूं खास है पहले इसे समझने की कोशिश करेंगे।
एक अनुमान के मुताबिक भारत की आबादी करीब 140 करोड़ है। अगर 15 लाख की आबादी को ही आधार बनाया जाय को कम से कम संसद सदस्यों की संख्या 800 के ऊपर होगी। यानी कि हर एक जिले में औसतन दो लोकसभा सीटें होगी। इसके साथ ही अगर 33 फीसद महिलाओं के आरक्षण (Women Reservation) से जोड़ा जाए तो देश की संसद में महिलाओं की आबादी कम से कम 280 होगी। यानी कि संसद की तस्वीर पूरी तरह बदली नजर आएगी। जनगणना के आधार पर सामाजिक और आर्थिक स्तर में देश ने कितनी तरक्की है उसके बारे में स्पष्ट जानकारी मिलती है।
बता दें कि साल 1872 में पहली बार भारत में जनगणना कराई गई थी तब देश अंग्रेजों के अधीन था। साल 1981 से नियमित तौर पर जनगणना का काम शुरु हुआ और हर 10 साल के अंतराल पर ताजा रिपोर्ट को पेश किया जाता है।