अब छात्र-अभिभावकों को गुमराह नहीं कर पाएंगे कोचिंग सेंटर्स! सरकार ने जारी की गाइडलाइन, फर्जी विज्ञापनों कसेगी नकेल
फर्जी सफलता दर और आधी-अधूरी जानकारी देने वाले विज्ञापनों के जरिए छात्रों को गुमराह करने वाले कोचिंग संस्थानों के लिए केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस जारी की है.
Mislead Advertisement: हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर अच्छा भविष्य बना सके. इसके लिए वह बचपन ही अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाते हैं. 12वीं के बाद डॉक्टर, इंजीनियरिंग आदि की पढ़ाई के लिए अच्छे कोचिंग सेंटर में भी एडमिशन कराते हैं. इसका फायदा कुछ कोचिंग सेंटर वाले भी उठाते हैं और भ्रामक विज्ञापनों के जरिए छात्रों को अपने यहां दाखिले के लिए लुभाते हैं. हालांकि, अब ऐसे संस्थानों पर नकेल कसने की तैयारी सरकार ने कर ली है. फर्जी सफलता दर और कोर्स के बारे में आधी-अधूरी जानकारी देने वाले विज्ञापनों के जरिए छात्रों को गुमराह करने वाले कोचिंग संस्थानों के लिए केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस जारी की है.
इन गाइडलाइन्ड के तहत अब कोचिंग संस्थानों को विज्ञापनों में बताना होगा कि वे कौन से कोर्स ऑफर कर रहे हैं. कोर्स कितनी अवधि कितनी है. इसके साथ ही पढ़ाने वालों की क्वॉलिफिकेशन और रिफंड पॉलिसी की जानकारी भी विज्ञापनों में देनी होगी. यानी कि अब कोचिंग सेंटर भ्रामक और फर्जी विज्ञापनों के जरिए छात्रों और अभिभावकों को गुमराह नहीं कर पाएंगे और एग्जाम में पास होने, ज्यादा नंबर मिलने और जॉब गारंटी के बारे में फर्जी दावे नहीं कर सकेंगे. संस्थानों को इंफ्रास्ट्रक्चर, संसाधनों और सुविधाओं के बारे में भी स्पष्ट जानकारी देनी होगी.
कोचिंग सेंटर्स को लेकर यह गाइडलाइन सेंट्रल कंस्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) की तरफ से जारी की गई है. सीसीपीए की 'गाइडलाइंस फॉर प्रिवेंशन ऑफ मिसलीडिंग एडवर्टाइजमेंट इन कोचिंग सेक्टर 2024' के तहत कोचिंग संस्थान अब बिना सहमति के सफल हुए छात्रों के नाम और फोटो का इस्तेमाल अपने विज्ञापन में नहीं कर पाएंगे. इसके लिए उनको छात्रों के परीक्षा पास करने के बाद लिखित सहमति लेनी होगी. अभी तक संस्थान ऐसी सहमति दाखिले के दौरान भरे जाने वाले फॉर्म में ही ले लेते थे. वहीं, छात्र भी दाखिले की वजह से दबाव में रजामंदी दे देते थे.
गाइडलाइंस के मुताबिक, अगर कोई डिसक्लेमर हो तो विज्ञापन में उसे प्रमुखता से और दूसरी जानकारी वाले फॉन्ट में ही दिया जाना चाहिए. जिससे कि छात्र और अभिभावक भ्रमित न हों. नई गाइडलाइंस कोचिंग से जुड़े हर इंसान पर लागू होंगी और कोचिंग सेंटर सहित उसकी सेवाओं का विज्ञापन करने वाले सेलेब्रिटीज भी इसके दायरे में आएंगे. ऐसे लोगों की जवाबदेही बनेगी कि जिन दावों का वे विज्ञापन कर रहे हैं, वे सही हैं. इसके साथ ही हर कोचिंग सेंटर को नैशनल कंस्यूमर हेल्पलाइन से जुड़ना होगा. जिससे कि नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों के खिलाफ शिकायत करने में आसानी हो.
नियम किन पर होगा लागू
जारी गाइडलाइंस एकेडमिक सपोर्ट, गाइडेंस, इंस्ट्रक्शन, स्टडी प्रोग्राम या ट्यूशन पर लागू होंगे. लेकिन केवल उन पर ही लागू होंगी, जहां पर 50 से अधिक स्टूडेंट कोचिंग ले रहे हों. हालांकि, काउंसलिंग, स्पोर्ट्स, डांस, थिएटर जैसी एक्टिविटीज इसके दायरे में नहीं आएंगी.
कार्रवाई
CCPA के अनुसार, कोचिंग सेक्टर में गुमराह करने वाले विज्ञापनों के मामलों पर कंस्यूमर एक्ट 2019 के तहत कार्रवाई होगी. यानी कि नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने से लेकर लेकर लाइसेंस कैंसल करने तक की कार्रवाई की जा सकती है.