चेन्नई एयरशो हादसे ने याद दिलाई 14 साल पुरानी घटना, इस देश से था नाता

चेन्नई एयरशो घटना में जिन पांच लोगों की मौत हुई है उसके लिए गर्मी और डिहाइड्रेशन को जिम्मेदार बताया गया। लेकिन कुछ इसी तरह की घटना 14 साल पहले रूस में हुई थी

By :  Lalit Rai
Update: 2024-10-07 07:02 GMT

Chennai Airshow:  चेन्नई का मरीना बीच। बंगाल की खाड़ी के ऊपर एयरशो और बीच पर 15 लाख दर्शक। आसमान में इंडियन एयरफोर्स के विमान करतब दिखा रहे थे। भारत की शक्ति को देश ही दुनिया के दूसरे देश भी देख रहे थे। बीच पर मौजूद 16 लाख लोगों के लिए जिंदगी का यादगार पल। लेकिन उसके बाद जो तस्वीर आई उससे कई सवाल उठ खड़े हुए। एयर शो के बाद लोग अपने घरों के लिए निकले जो जहां था वहीं फंस गया। मानो जिंदगी ठहर गई। पांच लोगों की मौत हो गई। अब उसी मौत पर सियासत शुरू हो चुकी है। विपक्ष के नेता डीएमके सरकार की व्यवस्था को कोस रहे हैं तो सरकार में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहली बात तो हर मौत दुखद है, गर्मी और डिहाइड्रेशन की वजह से मौत हुई। यह कहना कि अस्पताल में व्यवस्था की कमी थी गलत है। हालांकि इसके साथ ही विवादित बयान भी दिया कि क्या 16 लाख लोगों के लिए 15 लाख पुलिस की तैनाती करते। हालांकि इसी तरह की घटना 14 साल पहले एक और देश में हुई थी जिसमें 56 हजार लोगों की मौत हुई और यह दुघद घटना रूस में हुई थी। 

  • एयर शो खत्म होने के बाद भगदड़ मची
  • 5 लोगों की मौत हुई थी।
  • 90 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए।
  • हादसे की वजह ट्रैफिक व्यवस्था की बदइंतजामी
  • चिलचिलाती धूप, बेतहाशा गर्मी भी वजह

2010, रूस में हादसा
बेतहाशा गर्मी से मौतों का यह कोई पहला केस नहीं है। रूस के लिए साल 2010 किसी काले इतिहास से कम नहीं था। उस साल हीट वेव और गर्मी के तांडव ने रूस में कुल 56 हजार लोगों की जान ले ली थी। आंकड़ों के अनुसार दुनिया के बाकी हिस्सों में भी हीट स्ट्रोक मौत की बड़ी वजह है।  2010 में रूस में गर्मी ना सिर्फ गर्मी के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था बल्कि हजारों लोगों काल के गाल में समा गए। आर्थिक विकास मंत्रालय ने बताया था कि 2010 में हीट वेव और भयंकर गर्मी से कुल 56 हजार लोगों की जान गई थी। जुलाई में 14500, अगस्त में 41300 लोगों की मौत हुई। 44 दिनों तक रूस को हीटवेव चली थी। इसकी वजह से लोगों को ना सिर्फ डायजेस्टिव सिस्टम पर असर पड़ा था। बल्कि त्वचा के कैंसर का भी सामना करना पड़ा।

हीटवेव, मौत की बड़ी वजह
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर 2000 से 2019 के बीच अध्ययन को एक किताब की शक्ल दी। उस स्टडी में पाया गया कि गर्मी से हर साल दुनिया भर में पचास हजार से अधिक लोगों की मौत होती है। सबसे बड़ी बात यह कि इन आंकड़ों में से 45 फीसद की मौत एशिया महाद्वीप में होती है। दूसरे स्थान में यूरोप है जहां करीब 35 फीसद लोगों का निधन होता है। 2022 में यूरोप में अकेले 61672 लोगों भीषण गर्मी का शिकार हुए और मौत हो गयी। 

Tags:    

Similar News