Delhi pollution: सभी जस्टिस जहां तक संभव हो, वर्चुअल सुनवाई की दें अनुमति: CJI संजीव खन्ना

मुख्य न्यायाधीश ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया कि शीर्ष अदालत को ऑनलाइन होना चाहिए. लेकिन कहा कि वकीलों के पास ऑनलाइन पेश होने का विकल्प है.

Update: 2024-11-19 07:20 GMT

Delhi NCR Air Pollution: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए सभी जस्टिस से जहां तक संभव हो, वर्चुअल सुनवाई की अनुमति देने को कहा गया है. जैसे ही मुख्य न्यायाधीश और जस्टिस संजय कुमार की पीठ बैठी, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष कपिल सिब्बल सहित वकीलों ने दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की बदतर होती स्थिति का जिक्र किया और इससे निपटने के लिए तत्काल उपाय करने की मांग की.

सीजेआई ने कहा कि हमने सभी न्यायाधीशों से कहा है कि जहां भी संभव हो, वर्चुअल सुनवाई की अनुमति दें. हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया कि शीर्ष अदालत को ऑनलाइन होना चाहिए और दोहराया कि वकीलों के पास ऑनलाइन पेश होने का विकल्प है.

सिब्बल ने कहा कि इस संबंध में राष्ट्रीय राजधानी की अन्य अदालतों और न्यायाधिकरणों को संदेश भेजे जाने की आवश्यकता है. क्योंकि “प्रदूषण नियंत्रण से बाहर हो रहा है.” उन्हें विभिन्न वकीलों का समर्थन प्राप्त था, जिनमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और गोपाल शंकरनारायणन भी शामिल थे. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सिद्धांत रूप से शीर्ष अदालत को वर्चुअल होना चाहिए.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जिस तरह से हम आज काम कर रहे हैं. अगर कोई ऑनलाइन रहना चाहता है तो वह ऑनलाइन रह सकता है. शंकरनारायणन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में रोजाना करीब 10,000 वकील अपने निजी वाहनों से आते हैं. उन्होंने कहा कि वकीलों के क्लर्क भी अक्सर निजी वाहनों का इस्तेमाल करते हैं. सीजेआई ने कहा कि हम इसे संबंधित वकीलों पर छोड़ देंगे. हमने उन्हें यह सुविधा दी है कि जब भी आप वर्चुअली पेश होना चाहें, आप कर सकते हैं.

शंकरनारायणन ने कहा कि GRAP-4 प्रतिबंध दिल्ली-एनसीआर में लागू हैं और शहर की अदालतों के लिए ऐसे कोई विशेष निर्देश नहीं हैं. मुख्य न्यायाधीश ने दोहराया कि आपके पास विकल्प है, आप उस विकल्प का प्रयोग करें. हम पहले ही यह कह चुके हैं. हम सभी को समायोजित करेंगे.

बता दें कि सोमवार को शीर्ष अदालत ने इस तथ्य पर संज्ञान लिया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'गंभीर प्लस' श्रेणी में पहुंच गया है और सभी दिल्ली-एनसीआर राज्यों को प्रदूषण विरोधी ग्रैप 4 प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के लिए तुरंत टीमें गठित करने का निर्देश दिया. साथ ही यह स्पष्ट किया कि अगले आदेश तक प्रतिबंध जारी रहेंगे.

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