परीक्षाओं में देरी और विसंगतियां
रिपोर्ट में कहा गया कि CUET और अन्य परीक्षाओं के परिणाम समय पर घोषित नहीं हुए। इससे छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया और अकादमिक सत्र शुरू होने में देरी हुई, जो छात्रों पर अनावश्यक दबाव डालती है।
2024 में NTA की प्रमुख समस्याएं
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में आयोजित 14 प्रतियोगी परीक्षाओं में कम से कम पांच में गंभीर समस्याएं आईं। इनमें UGC-NET, CSIR-NET और NEET-PG स्थगित हुईं, NEET-UG में पेपर लीक हुआ, और CUET के परिणाम भी देरी से घोषित किए गए। जनवरी 2025 में JEE Main में 12 सवालों को अंतिम उत्तर कुंजी में त्रुटि के कारण वापस लेना पड़ा। समिति ने कहा कि ऐसे मामले छात्रों का भरोसा कम करते हैं।
NTA के वित्तीय सरप्लस का सुझाव
रिपोर्ट में कहा गया कि 3,512.98 करोड़ रुपये की आय में से 3,064.77 करोड़ खर्च किए गए हैं और 448 करोड़ का सरप्लस बचा है। समिति ने सुझाव दिया कि इसे NTA की क्षमता बढ़ाने और परीक्षा संचालन की गुणवत्ता सुधारने में लगाया जाए।
पेपर-पैन और कंप्यूटर आधारित परीक्षा पर नजर
समिति ने पेपर-पैन परीक्षाओं का समर्थन किया, यह उदाहरण देते हुए कि CBSE और UPSC परीक्षाएं कई वर्षों से लीक-प्रूफ रही हैं।
UGC नियमावली पर सुझाव
समिति ने 2025 में जारी UGC ड्राफ्ट नियमावली पर भी ध्यान दिया। समिति ने सुझाव दिया कि UGC को CABE के साथ चर्चा करनी चाहिए ताकि सभी हितधारकों की राय शामिल हो। साथ ही, अप्रैल 2025 से खाली UGC अध्यक्ष का पद जल्द भरा जाना चाहिए।
समानता और भेदभाव की परिभाषा में सुधार
समिति ने सुझाव दिया कि 2025 की ड्राफ्ट UGC (Promotion of Equity in Higher Education Institutions) नियमावली में OBC छात्रों पर उत्पीड़न, दिव्यांगता और अन्य भेदभाव को शामिल किया जाए, ताकि संस्थानों पर मामलों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके।
नवाचार संस्थाओं को मान्यता
समिति ने हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख, को मान्यता देने पर विचार करने की सिफारिश की और इसके मॉडल को अन्यत्र लागू करने की संभावना देखी। बता दें कि ये इंस्टिट्यूट सोनम वांगचुक द्वारा शुरू किया गया है, वाही सोनम वांगचुक, जिन्हें लदाख में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।
NAAC में घोटाले की जांच
हाल ही में NAAC में रिश्वत घोटाले की जांच का जिक्र करते हुए समिति ने कहा कि आंतरिक जांच हो और उसके निष्कर्ष समिति के साथ साझा किए जाएं।
इस समिति में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, सांसद सुनेत्रा अजीत पवार, रेखा शर्मा, घनश्याम तिवारी, संबित पात्रा, रविशंकर प्रसाद और बांसुरी स्वराज शामिल हैं। दिग्विजय सिंह इस समिति के अध्यक्ष हैं। समिति ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में एनटीए द्वारा सीयूईटी के परिणाम समय पर घोषित नहीं किए गए थे।