कारगिल की तरह ही पहलगाम केस की हो जांच, कांग्रेस ने क्योंकि इस तरह की मांग
कांग्रेस की यह मांग ट्रंप के उस दावे के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच 'परमाणु संघर्ष' को रोक दिया है।;
कांग्रेस ने मंगलवार, 13 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक और विशेष संसद सत्र बुलाने की अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि वाशिंगटन डीसी से आई हालिया टिप्पणियों के आलोक में यह मांग अब और भी अधिक गंभीर और जरूरी हो गई है।कांग्रेस ने साथ ही सवाल उठाया कि क्या पहल्गाम आतंकी हमले की उसी तरह समीक्षा करवाई जाएगी जैसे कि वाजपेयी सरकार ने कारगिल युद्ध के बाद 29 जुलाई 1999 को कारगिल समीक्षा समिति (Kargil Review Committee) गठित की थी।
क्या होगी पहलगाम की जांच?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,“कारगिल युद्ध समाप्त होने के केवल तीन दिन बाद वाजपेयी सरकार ने कारगिल समीक्षा समिति बनाई थी। उसकी रिपोर्ट 23 फरवरी 2000 को संसद में रखी गई, हालांकि उसके कुछ हिस्से गोपनीय ही रखे गए और ऐसा होना भी चाहिए था।”रमेश ने बताया कि उस समिति के अध्यक्ष थे के. सुब्रह्मण्यम, जो भारत के रणनीतिक मामलों के अग्रणी विशेषज्ञ माने जाते हैं और जिनके पुत्र वर्तमान में विदेश मंत्री हैं।
उन्होंने सवाल किया “क्या मोदी सरकार अब पहलगाम पर इसी तरह की कोई समीक्षा प्रक्रिया अपनाएगी, भले ही एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) इसकी जांच कर रही हो?”
ट्रंप का दावा: ‘हमने रोका परमाणु युद्ध’
रमेश की यह टिप्पणी उस वक्त आई है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से यह दावा किया है कि उनके प्रशासन ने भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध रोकने में अहम भूमिका निभाई थी।ट्रंप ने कहा “शनिवार को मेरे प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण और तत्काल युद्धविराम कराने में मदद की, जिससे एक खतरनाक परमाणु संघर्ष टल गया।”उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका दोनों देशों के साथ व्यापार को बढ़ावा देगा अगर वे अपने सैन्य तनाव को खत्म कर देंगे।
भारत सरकार ने तीसरे पक्ष की भूमिका नकारी
भारत सरकार के सूत्रों ने साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों (DGMO) के बीच आपसी सहमति से संघर्षविराम तय हुआ और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी। लेकिन ट्रंप ने कहा कि जब भारत और पाकिस्तान “बहुत तेज़ी से आमने-सामने आ रहे थे”, तब उन्हें हस्तक्षेप करना पड़ा।
व्यापार के ज़रिए दबाव?
ट्रंप ने कहा “मैंने दोनों देशों से कहा कि अगर वे लड़ाई बंद करते हैं, तो अमेरिका उनके साथ बहुत व्यापार करेगा। अगर नहीं बंद करते, तो कोई व्यापार नहीं होगा। उन्होंने दावा किया कि इस ‘व्यापार रणनीति’ ने काम किया और दोनों देश रुक गए।
कांग्रेस की दोहराई गई मांगें
जयराम रमेश ने लिखा “अब जबकि वाशिंगटन से ऐसे बयान सामने आ रहे हैं, हमारी यह मांग और भी जरूरी हो जाती है कि प्रधानमंत्री स्वयं सर्वदलीय बैठक बुलाएं और एक विशेष सत्र संसद का आयोजित किया जाए। जबकि अगला संसद सत्र कम से कम ढाई महीने बाद प्रस्तावित है।”
पहलगाम हमले और अमेरिका से आ रही टिप्पणियों ने भारत की सुरक्षा, कूटनीति और संसद की भूमिका को लेकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। कांग्रेस द्वारा वाजपेयी सरकार की मिसाल देकर मोदी सरकार से जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग की जा रही है। अब देखने की बात होगी कि क्या केंद्र सरकार पहल्गाम हमले पर वैसी ही गंभीरता दिखाती है जैसी कारगिल के बाद दिखाई गई थी।