आरक्षण को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के निशाने पर राहुल गांधी, कांग्रेस ने किया पलटवार

कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा आरक्षण पर राहुल गांधी की टिप्पणियों पर किए गए परोक्ष हमले पर पलटवार करते हुए सवाल किया.

Update: 2024-09-15 17:40 GMT

Congress hit back Vice President Jagdeep Dhankhar: कांग्रेस ने रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा आरक्षण पर राहुल गांधी की टिप्पणियों पर किए गए परोक्ष हमले पर पलटवार करते हुए सवाल किया कि क्या धनखड़ एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50% की सीमा हटाने की राहुल की मांग का समर्थन करते हैं.

बता दें कि कांग्रेस का यह पलटवार तब आया है, जब उपराष्ट्रपति धनखड़ ने पहले राहुल पर हमला करते हुए कहा था कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा की गई ऐसी टिप्पणियां "संविधान विरोधी मानसिकता" को दर्शाती हैं. मुंबई में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए धनखड़ ने कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा विदेशी धरती पर यह कहना कि आरक्षण समाप्त किया जाना चाहिए, उसी संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. आरक्षण के खिलाफ पूर्वाग्रहों की छड़ी सौंप दी गई है. यह वही पुरानी संविधान विरोधी मानसिकता है.

धनखड़ ने आगे इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के संविधान को और अधिक जागरूकता की आवश्यकता है. उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ लोग "इसकी आत्मा को भूल गए हैं. धनखड़ ने कहा कि आरक्षण योग्यता के खिलाफ नहीं है. उन्होंने "देश और संविधान की आत्मा" के रूप में इसके महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि आरक्षण नीतियां सकारात्मक कार्रवाई का एक रूप हैं, जो हाशिए पर पड़े समुदायों को "संभालती" हैं, न कि दूसरों को अवसरों से वंचित करती हैं.

वहीं, कांग्रेस ने धनखड़ की आलोचना का तुरंत जवाब दिया. उपराष्ट्रपति पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने इस मुद्दे पर उनके रुख पर सवाल उठाया. पार्टी के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि राहुल गांधी ने एससी/एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50% की सीमा हटाने की मांग की है. क्या आप कांग्रेस की इस मांग का समर्थन करते हैं.

बता दें कि यह आरोप-प्रत्यारोप राहुल गांधी की संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के दौरान की गई हालिया टिप्पणियों के बाद हुआ, जहां उन्होंने आरक्षण के संभावित भविष्य पर टिप्पणी की थी. राहुल ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण हटाने पर तभी विचार करेगी, "जब भारत एक निष्पक्ष स्थान होगा", जिसका अर्थ है कि मौजूदा असमानताओं को देखते हुए मौजूदा व्यवस्था आवश्यक है. बाद में अपने बयान को स्पष्ट करते हुए राहुल ने कहा कि उन्हें गलत तरीके से पेश किया गया था और उन्होंने अपना रुख दोहराया कि हम आरक्षण को 50 प्रतिशत से आगे बढ़ाने जा रहे हैं.

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