नई बिल्डिंग, पुराने दर्द, अफसरों को क्यों नहीं भा रहा कर्तव्य भवन-3?
प्रधानमंत्री मोदी ने कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया, जो CCS के तहत पहला हाईटेक कार्यालय है। इसमें प्रमुख मंत्रालय होंगे, उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना है।;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 'कर्तव्य भवन' का उद्घाटन किया, जो कॉमन सेंट्रल सचिवालय (CCS) की योजना के तहत बनने वाली 10 नई इमारतों में से पहली है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक छत के नीचे लाकर प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से बनाई गई है।
कर्तव्य भवन-3: आधुनिक प्रशासन का प्रतीक
'कर्तव्य भवन-3' को आधुनिक तकनीक से युक्त एक ऊर्जा दक्ष और पर्यावरण अनुकूल कार्यालय परिसर के रूप में विकसित किया गया है।
इस भवन में निम्नलिखित मंत्रालयों और कार्यालयों को स्थानांतरित किया जाएगा:
गृह मंत्रालय
विदेश मंत्रालय
ग्रामीण विकास मंत्रालय
एमएसएमई मंत्रालय
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय (DoPT)
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय
परियोजना की रूपरेखा
कुल 10 भवन, अगले 22 महीनों में पूरे होंगे
शास्त्री भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन और उद्योग भवन में स्थित मंत्रालयों को क्रमिक रूप से इन भवनों में स्थानांतरित किया जाएगा। भवन नंबर 2 और 3 का निर्माण अगले महीने तक पूर्ण होने की उम्मीद है। भवन 6 और 7 का निर्माण कार्य अक्टूबर 2026 तक पूरा होगा
कर्तव्य भवन की विशेषताएं
क्षेत्रफल: 1.5 लाख वर्ग मीटर
तल: 2 बेसमेंट + 7 फ्लोर
ऊर्जा दक्षता: 30% ऊर्जा बचत, सालाना 5.34 लाख यूनिट बिजली उत्पादन
पार्किंग क्षमता: 600 वाहन
सुविधाएं: क्रेच, योग कक्ष, चिकित्सा कक्ष, कैफे, रसोईघर, बहुउद्देशीय हॉल
सम्मेलन कक्ष:
24 बड़े (45 लोगों की क्षमता)
26 छोटे (25 लोगों की क्षमता)
67 बैठक कक्ष
27 लिफ्ट
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत अब तक निम्नलिखित निर्माण हो चुके हैं।
नया संसद भवन
उपराष्ट्रपति एन्क्लेव
विजय चौक से इंडिया गेट तक कर्तव्य पथ का पुनर्विकास
आगामी निर्माण में शामिल हैं। नया प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO),कैबिनेट सचिवालय,इंडिया हाउस,राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय,प्रधानमंत्री का नया आवास (दूसरे चरण में)
असंतोष की आवाज: CSS अधिकारियों की चिंताएं
हालांकि 'कर्तव्य भवन-3' को आधुनिक और पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था का प्रतीक बताया जा रहा है, लेकिन केंद्रीय सचिवालय सेवा (CSS) फोरम ने कुछ गंभीर आपत्तियां दर्ज की हैं:
खुला लेआउट गोपनीयता के लिए खतरा, प्राइवेट कार्यक्षेत्र की कमी, विशेष रूप से अति संवेदनशील फाइलों से जुड़े अधिकारियों के लिए है। ASO अधिकारियों के पास फाइलों व स्टेशनरी के लिए पर्याप्त भंडारण और डेस्क के बीच कोई विभाजन नहीं
टेलीफोन व मीटिंग बातचीत सुनी जा सकती है, जिससे गोपनीय सूचनाएं लीक हो सकती हैं।इन चिंताओं को फोरम ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र लिखकर साझा किया है।
निर्माण श्रमिकों से प्रधानमंत्री की बातचीत
प्रधानमंत्री मोदी ने कर्तव्य भवन-3 के निर्माण में लगे श्रमिकों से मुलाकात की और उनके अनुभवों को जाना। यह कदम श्रमिकों के योगदान को मान्यता देने की दिशा में सराहनीय पहल के रूप में देखा जा रहा है।कर्तव्य भवन प्रशासनिक दक्षता, पारदर्शिता और टेक्नोलॉजी की दिशा में एक अहम कदम है, लेकिन इसके व्यावहारिक पहलुओं पर संतुलित विचार और सुधार की जरूरत को CSS अधिकारियों की चिंता ने उजागर किया है। अब देखना यह है कि सरकार इन आपत्तियों को किस तरह संबोधित करती है।