आधार डेटाबेस की सफाई, UIDAI ने हटाए 2 करोड़ निष्क्रिय नंबर

UIDAI ने आधार डेटाबेस की सटीकता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देशभर में 2 करोड़ मृत व्यक्तियों के आधार नंबर निष्क्रिय किए, ताकि धोखाधड़ी और दुरुपयोग रोका जा सके।

Update: 2025-11-27 04:44 GMT

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक बड़े राष्ट्रीय अभियान के तहत 2 करोड़ से अधिक मृत व्यक्तियों के आधार नंबर निष्क्रिय कर दिए हैं। यह कदम आधार डेटाबेस को अपडेट रखने और किसी भी तरह की धोखाधड़ी की आशंका को समाप्त करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

विभिन्न स्रोतों से जुटाए गए मृत व्यक्तियों के डेटा

UIDAI ने मृत व्यक्तियों की जानकारी कई प्रमुख स्रोतों से प्राप्त की है। इनमें शामिल हैं—

भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RGI)

विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेश

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS)

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP)

इसके अलावा, UIDAI वित्तीय संस्थानों और अन्य संगठनों के साथ भी सहयोग बढ़ाने की योजना बना रहा है, ताकि मृत व्यक्तियों का डेटा और अधिक प्रभावी तरीके से इकट्ठा किया जा सके।

आधार नंबर कभी पुनः जारी नहीं किया जाता

UIDAI ने स्पष्ट किया कि किसी भी आधार नंबर को कभी भी दोबारा किसी अन्य व्यक्ति को जारी नहीं किया जाता। लेकिन किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके आधार नंबर को निष्क्रिय करना जरूरी होता है, ताकि संभावित पहचान चोरी (Identity Fraud),कल्याणकारी योजनाओं में अनधिकृत लाभ (Unauthorized Usage) जैसे जोखिम रोके जा सकें।

सुरक्षा और पारदर्शिता

मृत व्यक्तियों के आधार नंबरों को निष्क्रिय करने की यह प्रक्रिया देश में डिजिटल पहचान व्यवस्था को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। UIDAI का यह प्रयास सुनिश्चित करेगा कि किसी मृत व्यक्ति की पहचान का गलत तरीके से उपयोग न हो सके।

Tags:    

Similar News