कांग्रेस की उलझाऊ गणित, विधानसभा चुनाव में 'आप' को ना बाकियों को हां

कांग्रेस, महाराष्ट्र और झारखण्ड के अपने गठबंधन के साथियों से साथ बने तालमेल को जारी रखने के लिए तैयार है, लेकिन दिल्ली और हरियाणा में वो अब इंडिया ब्लॉक के साथ आगे चलने को तैयार नहीं हैं.

Update: 2024-07-04 10:22 GMT

Congress-AAP: कांग्रेस, जो इंडिया गठबंधन का सबसे प्रमुख दल है, महाराष्ट्र और झारखण्ड के अपने गठबंधन के साथियों से साथ बने तालमेल को जारी रखने के लिए तैयार है, लेकिन दिल्ली और हरियाणा में वो अब इंडिया ब्लॉक के साथ आगे चलने को तैयार नहीं हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि दिल्ली और हरियाणा में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी.

मतलब साफ़ है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव से पहले हुआ गठबंधन अब आगे नहीं चलेगा. न दिल्ली में और न ही हरियाणा में, जहाँ दोनों पार्टियों ने बीजेपी को हारने के मकसद से एक साथ मिल कर चुनाव लड़ा था. दरअसल कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने खुद ये एलान किया कि आने वाले समय में हरियाणा और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी, आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर नहीं. उन्होंने साफ़ कहा कि विधानसभा चुनाव में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने की कोई गुंजाइश ही नहीं है.

कांग्रेस महाराष्ट्र और झारखण्ड में जरी रखेगी गठबंधन

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि महाराष्ट्र और झारखण्ड में PTI को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि कांग्रेस आने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हीं जगहों पर इंडिया गठबंधन के साथियों के साथ मिलकर चुनाव लडेगा, जहाँ पर कांग्रेस और अन्य सहयोगी दल मिलकर लड़ने की इक्छा रखेंगे, अगर सहमति नहीं बनती है तो फिर अलग अलग चुनाव लड़ेंगे. इस बीच उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और झारखण्ड में कांग्रेस इंडिया गठबंधन के अपने साथियों के साथ मिल कर चुनाव लड़ेगी. साथ में उन्होंने कहा कि राज्यों के विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का फार्मूला अलग अलग हो सकता है.


पंजाब में पहले ही बिना किसी से नहीं है गठबंधन

जयराम रमेश ने इस साक्षात्कार में ये भी कहा कि पंजाब में कांग्रेस का किसी से भी गठबंधन नहीं है. पार्टी अकेले ही लड़ी थी और अकेले ही लड़ेगी. रही बात हरियाणा की तो वहां पर लोकसभा चुनाव में पार्टी ने आम आदमी पार्टी को सिर्फ एक सीट दी थी लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अकेले ही लड़ेगी. रही बात दिल्ली की तो पहले ही आम आदमी पार्टी ये कह चुकी है कि विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी, तो ऐसे में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साथ लड़ने की कोई गुंजाइश ही नहीं है.

गोपाल राय ने किया था विधानसभा चुनाव में अलग लड़ने का एलान

आप आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के कुछ समय बाद भी एक प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात का एलान कर दिया था कि विधानसभा चुनाव में आप का कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं होगा. उससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री जब लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार के लिए परोल पर जेल से बाहर आये थे तो उन्होंने भी ये कहा था कि फिलहाल उनका कांग्रेस के साथ गठबंधन 4 जून तक के लिए है. 

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