उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में राधाकृष्णन, भाजपा का तमिलों को सम्मान जारी
राधाकृष्णन के आश्चर्यजनक नामांकन को तमिलनाडु में भाजपा के प्रभाव को बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जहां अगले वर्ष चुनाव होने हैं।;
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को 9 सितंबर 2025 को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। यह घोषणा 4 अगस्त को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद की गई है। चार दशकों से अधिक के सार्वजनिक जीवन में सक्रिय राधाकृष्णन की उम्मीदवारी को भाजपा की दक्षिण भारत चुनाव की तैयारी कर रहे तमिलनाडु में पकड़ मजबूत करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
तमिलनाडु के लिए ‘गौरव’ की बात: भाजपा
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष नैनार नागेन्द्रन ने इस नामांकन को ‘तमिलों के लिए सम्मान’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि पहली बार एक तमिल व्यक्ति सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है। भाजपा ने पहले एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनाया था और अब भी तमिलों को सम्मान दे रही है। भाजपा नेता एसआर शेखर, जो राधाकृष्णन के प्रारंभिक दिनों से उनके करीबी हैं, ने उन्हें “सुलभ और सिद्धांतों वाले नेता” बताया। उन्होंने कहा कि उनका इतना ऊपर तक पहुंचना हम सभी के लिए गर्व का विषय है। विश्लेषकों का मानना है कि AIADMK से उनके संबंध और कोंगु समुदाय में उनकी पकड़ भाजपा के लिए एक अतिरिक्त लाभ हो सकता है।
नामांकन के बाद राधाकृष्णन की प्रतिक्रिया
सीपी राधाकृष्णन ने The Federal से बात करते हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और एनडीए के सभी सहयोगियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। यह मेरे लिए गर्व और जिम्मेदारी का पल है और मैं राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित करूंगा।
राजनीतिक सफर
20 अक्टूबर 1957 को तिरुपुर, तमिलनाडु में जन्मे चंद्रपुरम पोंनुसामी राधाकृष्णन ने मात्र 16 वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री ली और 1974 में जनसंघ से जुड़े। बाद में 1996 में भाजपा में शामिल हुए और राज्य उपाध्यक्ष तक पहुंचे। 1998 और 1999 में वे कोयंबटूर से लोकसभा के लिए चुने गए और संसद में वस्त्र, वित्त और सार्वजनिक क्षेत्र से संबंधित समितियों में कार्य किया।
रथ यात्रा
2003 से 2006 तक तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने 93 दिन की 19,000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा की, जिसका उद्देश्य नदियों को जोड़ने, आतंकवाद समाप्त करने, समान नागरिक संहिता लागू करने, अस्पृश्यता और नशीले पदार्थों के खिलाफ जनजागरण करना था। उन्होंने इसके अलावा कई पदयात्राएं भी कीं। हालांकि, 2016 और 2019 के विधानसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन उनके जनसंपर्क कौशल और ईमानदार छवि ने उन्हें जनता और पार्टी में लोकप्रिय बनाए रखा।
प्रशासनिक अनुभव
2016 से 2020 तक वे ऑल इंडिया कोयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे और इस दौरान कोयर निर्यात ₹2,532 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा। इसके बाद उन्होंने झारखंड (2023) के राज्यपाल के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने सभी 24 जिलों का दौरा कर जनता से संपर्क साधा। इसके साथ ही उन्हें तेलंगाना और पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार भी मिला। 31 जुलाई 2024 से वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और उनका कार्यकाल अब तक विवादों से मुक्त रहा है।
खेल और निजी जीवन
राधाकृष्णन एक टेबल टेनिस चैंपियन रह चुके हैं और उन्हें लंबी दूरी की दौड़, क्रिकेट और वॉलीबॉल में भी रुचि है। वे 20 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं। उनके दो बच्चे हैं—एक बेटा जो व्यवसाय में है और एक बेटी।
निष्पक्ष छवि ने बढ़ाया भरोसा
वरिष्ठ पत्रकार टी रामकृष्णन ने कहा कि राधाकृष्णन एक परिपक्व राजनेता हैं, जो विवादों से दूर रहते हैं। उनकी प्रशासनिक क्षमता और राजनीतिक सूझबूझ के कारण ही उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना गया है।
एनडीए को बहुमत, विपक्ष की तलाश जारी
एनडीए के पास 781 सदस्यीय इलेक्टोरल कॉलेज में 400 से अधिक वोट होने के कारण राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। उधर, विपक्षी INDIA गठबंधन अब तक अपने उम्मीदवार का नाम तय नहीं कर सका है।