साइबर हमलों की आशंका, भारतीय वित्तीय प्रणाली को सुरक्षा कवच देने की तैयारी

Cyber ​​Attack India: बढ़ते डिजिटल लेन-देन के बीच भारत का वित्तीय ढांचा एक रणनीतिक टारगेट बनता जा रहा है. ऐसे में साइबर सुरक्षा को लेकर की जा रही यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है.;

Update: 2025-05-09 12:27 GMT

Cyber ​​Security India: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने एक साइबर सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है. इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और प्रमुख वित्तीय संस्थानों को डिजिटल सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं. वित्त मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि देश के कोर बैंकिंग सिस्टम, भुगतान गेटवे, रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) जैसे महत्वपूर्ण डिजिटल ढांचे को साइबर हमलों से बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतना आवश्यक है. इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज (9 मई, शुक्रवार) शाम एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई है. बैठक में भारत के बैंकों और वित्तीय संस्थानों की साइबर सुरक्षा तैयारियों का मूल्यांकन किया जाएगा.

इस बैठक में वित्त मंत्रालय के अधिकारी, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE), प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) और नेशनल क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC) के शामिल होने की उम्मीद है.

साइबर हमलों के बाद सतर्कता बढ़ी

7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के ऊर्जा मंत्रालय, बैंकिंग सेक्टर और टेलीकॉम ऑपरेटरों पर DDoS (डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस) जैसे साइबर हमले किए गए. रिपोर्ट्स के अनुसार, ये हमले सीमित रहे और कंट्रोल में लाए गए. लेकिन अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ऐसे हमले दोबारा हो सकते हैं.

साइबर वार

यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब पाकिस्तान ने गुरुवार रात ड्रोन और अन्य हथियारों से भारत के पश्चिमी सीमा क्षेत्र में हमला किया और जम्मू-कश्मीर की एलओसी पर गोलाबारी की. इससे पहले भारत ने 7 मई को "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे. इन हमलों का उद्देश्य 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 नागरिकों की हत्या के जवाब में आतंकी संगठनों को निशाना बनाना था.

साइबर सुरक्षा का मुख्य फोकस

सरकारी सूत्रों के अनुसार, साइबर सुरक्षा को लेकर तत्काल उठाए जा रहे कदमों में सॉफ़्टवेयर और सिस्टम की कमजोरियों को पैच करना, फायरवॉल सुरक्षा को मजबूत करना, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन लागू करना और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रियल-टाइम निगरानी करना शामिल है.

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