‘जमीन के बदले नौकरी’ केस, लालू यादव को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका
delhi High Court ने लालू यादव की याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने कहा कि निचली अदालत की कार्रवाई जारी रहेगी.;
Lalu Yadav: दिल्ली हाई कोर्ट ने RJD प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले से जुड़ी अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी. इस मामले की जांच सीबीआई (CBI) ने की थी. लालू यादव की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी थी कि एफआईआर और जांच सही तरीके से नहीं हुई है, इसलिए अदालत में चल रही कार्रवाई भी गैरकानूनी है.
कपिल सिब्बल की दलील
सिब्बल ने कहा कि जब एफआईआर (प्राथमिकी) और जांच ही सही नहीं है तो फिर आरोप पत्र (चार्जशीट) का कोई कानूनी मतलब नहीं रह जाता. इसके अलावा सीबीआई ने भ्रष्टाचार कानून की धारा 17A के तहत सरकारी मंजूरी लिए बिना ही लालू यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जो कि कानून का उल्लंघन है.
सीबीआई की दलील
सीबीआई की ओर से वरिष्ठ वकील डीपी सिंह ने कोर्ट में कहा कि जांच एजेंसी ने जरूरी मंजूरी ले ली थी. भ्रष्टाचार विरोधी कानून की धारा 19 के अनुसार कार्रवाई की गई है. इस मामले में सत्र अदालत (सेशंस कोर्ट) 2 जून को आरोपों पर सुनवाई करने वाली है.
आईआरसीटीसी होटल घोटाला
एक और मामला, आईआरसीटीसी होटल घोटाला, जिसमें लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव और अन्य आरोपी हैं – उसमें भी सुनवाई चल रही है. 29 मई को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब 23 जुलाई को अगली सुनवाई होगी.
इस केस में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि जब लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे, तब उन्होंने और उनके परिवार ने भ्रष्ट तरीके से दो होटलों के टेंडर एक निजी कंपनी को दिलवाए. इसके बदले में उनके परिवार को जमीन दी गई, जो इस कथित घोटाले का आधार बना. सीबीआई का दावा है कि इसमें साजिश और भ्रष्टाचार के पूरे सबूत हैं.