केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट मंगलवार को करेगा सुनवाई

दिल्ली हाई कोर्ट सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ 'आप' प्रमुख अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगा.

Update: 2024-07-01 17:06 GMT

Arvind Kejriwal Petition: दिल्ली हाई कोर्ट मंगलवार (2 जुलाई) को सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ 'आप' प्रमुख अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की अगुवाई वाली पीठ दिल्ली के मुख्यमंत्री की याचिका पर सुनवाई करेगी. याचिका सोमवार को दायर की गई है.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने तथाकथित दिल्ली आबकारी नीति मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और उनको जून में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. सीबीआई की यह कार्रवाई आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में स्थानीय अदालत द्वारा अरविंद केजरीवाल को जमानत दिए जाने के कुछ दिनों बाद हुई थी. ऐसे में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने ट्रायल कोर्ट के 26 जून के आदेश को भी चुनौती दी है, जिसके तहत उन्हें तीन दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया था.

29 जून को केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, जिसमें कहा गया था कि उनका नाम मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक के रूप में सामने आया है. क्योंकि जांच अभी भी जारी है, इसलिए उनसे आगे की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता हो सकती है. सीबीआई ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल जांच दल के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे और अपनी तीन दिन की हिरासत के दौरान टालमटोल वाले जवाब दे रहे थे. यह भी दावा किया है कि केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.

26 जून को ट्रायल कोर्ट ने सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने से इनकार कर दिया. ट्रायल जज ने कहा कि यह जांच जांच एजेंसी का विशेषाधिकार है. हालांकि, कानून में कुछ सुरक्षा उपाय प्रदान किए गए हैं और इस स्तर पर रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता है कि गिरफ्तारी अवैध है.

बता दें कि केंद्रीय एजेंसियों ने अरविंद केजरीवाल और अन्य AAP नेताओं पर राजनेताओं और व्यापारियों के एक समूह के अनुकूल शराब नीति तैयार करने के बदले में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. दिल्ली के एलजी द्वारा लाइसेंस देने में अनियमितताओं की जांच की सिफारिश करने के तुरंत बाद नीति को रद्द कर दिया गया था.

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