कोलकाता की घटना के विरोध में दिल्ली समेत देश भर के अस्पतालों में 24 घंटे की हड़ताल शुरू

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की रेप के बाद निर्मम हत्या को लेकर देश भर की डॉक्टर बिरादरी में भारी रोष है, इसी वजह से आज देश भर के डॉक्टर डॉक्टर पर हड़ताल पर हैं.

Update: 2024-08-17 01:32 GMT

Kolkata Lady Doctor Rape cum Murder: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या के मामले को लेकर देशभर में रोष देखने को मिल रहा है. खासतौर से डॉक्टर बिरादरी में. यही वजह है कि आज 17 अगस्त को देश भर के सभी छोटे और बड़े अस्पतालों में हड़ताल राखी गयी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस हड़ताल का आवाहन किया है, जिसके तहत अस्पतालों में सिर्फ आपातकाल सेवाएं ही चालू रहेंगी, ओपीडी व अन्य सेवाएं 24 घंटे के लिए बंद रहेंगी. ये हड़ताल सुबह 6 बजे से शुरू हो चुकी है, जो अगले दिन सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष आरवी अशोकन के अनुसार कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना से देशभर के डॉक्टर आक्रोशित हैं. पीडिता अपने माता पिता की अकेली संतान थी. रोष सिर्फ इस घटना को लेकर नहीं है, बल्कि इसके बाद जिस तरह से पुलिस और प्रशासन ने इस घटना का स्वरुप बदलने या फिर इसमें शामिल लोगों को बचने के लिए जो किया है, उसे लेकर डॉक्टर बिरादरी में गुस्सा है और इसलिए ये विरोध जारी है. ये वारदात किसी एक व्यक्ति द्वारा अंजाम नहीं दी गयी है, बल्कि इसमें कई लोग शामिल थे. जिस निर्ममता से हत्या की गयी है, उसका वर्णन भी ठीक से नहीं किया जा सकता.

अमानवीय कृत्य
आईएमए अध्यक्ष का कहना है कि इस वारदात को अंजाम देने वालों ने अमानवीय कृत्य किया है, जिससे मानवता शर्मसार हुई है. इस घटना ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर खासतौर से वोर्किंग प्लेस ( काम करने वाली जगह पर ) बड़ी चिंता कड़ी की है. डॉक्टर और नर्स इस बात से काफी चिंतित हैं कि वो अस्पताल में सुरक्षित नहीं हैं, उनके परिवार के लोग भी चिंतित हैं. हम सीबीआई जांच की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.

सुरक्षा गाइडलाइन में की गयी देरी
आईएमए के अधक्ष डॉ आरवी अशोकन ने स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों की सुरस्क्षा के लिए जारी की गाइडलाइन्स को देरी से उठाया गया कदम करार दिया है. उनका कहना है कि केंद्रीय कानून पर विचार-विमर्श के लिए एक समिति गठित करने के निर्णय को बहुत देर से लिया गया हिया. इस विषय में 2019 में एक मसौदा विधेयक तैयार किया गया था, लेकिन इस पर कभी संसद में कभी कुछ नहीं किया गया. जबकि इस मामले पर कानून लाने के लिए सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है.

केंद्र सरकार ने सुरक्षा के लिए जारी किये हैं ये निर्देश
केंद्र सरकार ने केंद्रीय सरकारी अस्पतालों के निदेशकों और चिकित्सा अधीक्षकों तथा सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को भेजे गए सर्कुलर में निर्देश दिया है कि “ड्यूटी के दौरान किसी भी स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा की स्थिति में, संस्थान के प्रमुख घटना के अधिकतम 6 घंटे के अंदर संस्थागत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जिम्मेदार होंगे.”

पांच दिन से दिल्ली में जारी है डॉक्टरों की हड़ताल
इस घटना के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. उनकी हड़ताल को आज 17 अगस्त को छठा दिन है. पिछले 5 दिनों की बात करें तो अस्पतालों ( ख़ास तौर से सरकारी ) में सभी वैकल्पिक सेवाएं निलंबित हैं. शुक्रवार को सभी हडताली डॉक्टर अपने-अपने अस्पतालों के परिसरों में जारी प्रदर्शन को सड़क पर लाते हुए निर्माण भवन ( जहाँ स्वास्थ्य मंत्रालय है ) के बाहर एकजुटता दिखाते हुए विरोध जताया.


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