चुनाव आयोग का वादा, बिना नोटिस वोटर लिस्ट से नाम नहीं कटेगा

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वोटर लिस्ट से किसी का नाम बिना नोटिस सुनवाई और आदेश के नहीं हटेगा। इसके साथ हीअपील का भी मौका मिलेगा।;

Update: 2025-08-10 05:24 GMT

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में एक नया हलफनामा दायर करते हुए आश्वासन दिया है कि वोटर लिस्ट से किसी भी मतदाता का नाम बिना पूर्व सूचना और आदेश के नहीं हटाया जाएगा। यह हलफनामा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की याचिका के जवाब में दायर किया गया है, जिसमें लगभग 65 लाख नाम हटाए जाने की जानकारी मांगी गई थी।

नाम हटाने से पहले नोटिस और सुनवाई जरूरी

आयोग ने अपने हलफनामे में कहा कि 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित होने वाली वोटर लिस्ट में से किसी भी मतदाता का नाम प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के तहत बिना पूर्व नोटिस के नहीं हटाया जाएगा।

मतदाता को नाम हटाने का कारण बताया जाएगा।

अपनी बात रखने का अवसर दिया जाएगा।

सक्षम अधिकारी द्वारा आदेश जारी किया जाएगा।

इसका सीधा मतलब है कि अब वोटर लिस्ट से नाम हटाने से पहले मतदाता को सूचना और अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।

योग्य मतदाताओं को लेकर आयोग का आश्वासन

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि कोई भी योग्य मतदाता वोटर लिस्ट से बाहर न रह जाए, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं।दो-स्तरीय अपील प्रणाली लागू है, जिससे गलत तरीके से नाम हटाए जाने पर अपील का मौका मिलता है।जिन मतदाताओं के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें दस्तावेज उपलब्ध कराने में मदद की जाएगी।

वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रगति

आयोग ने बताया कि 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ से अधिक ने अपने फॉर्म जमा कर दिए हैं। इससे साबित होता है कि बड़ी संख्या में लोग वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराने के प्रति सक्रिय हैं।1 अगस्त से 1 सितंबर तक की जांच अवधि के लिए वोटर लिस्ट की प्रिंटेड और डिजिटल कॉपी राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई हैंआम लोग भी इसे ऑनलाइन देख सकते हैं।

नए मतदाताओं को जोड़ने की रणनीति

हलफनामे में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विस्तृत योजना का उल्लेख किया गया है।बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान।बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) द्वारा समुदायों में नियमित दौरे।विभिन्न आउटरीच प्रोग्राम।

वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों पर आयोग का पक्ष

ECI ने कहा कि मौजूदा नियमों के तहत वोटर लिस्ट से बाहर किए गए लोगों की अलग सूची प्रकाशित करने की कोई बाध्यता नहीं है।यदि किसी मतदाता का नाम सूची में नहीं है, तो उसके कारणों का उल्लेख अनिवार्य नहीं है।हालांकि, ऐसे मतदाता अपने नाम बहाल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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