सोनिया और राहुल के खिलाफ नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की चार्जशीट दाखिल

प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दाख़िल किया है.;

Update: 2025-04-15 13:57 GMT
सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी ने चार्जशीट दाखिल की है

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को भी आरोपी बनाया गया है।

ईडी की यह कार्रवाई एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करने के बाद सामने आई है।

ईडी ने 700 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कब्ज़ा करने की कार्यवाही शुरू की है, जो सोनिया और राहुल गांधी से जुड़ी कंपनी AJL की हैं। इसमें दिल्ली, मुंबई और लखनऊ की प्रमुख संपत्तियाँ शामिल हैं, जिनमें दिल्ली के बहादुर शाह ज़फर मार्ग स्थित प्रसिद्ध हेराल्ड हाउस भी है।

अदालत में अगली सुनवाई 25 अप्रैल को

चार्जशीट विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत में अप्रैल में पेश की गई थी, जो अब यह तय करेगी कि इस मामले में संज्ञान लिया जाए या नहीं। अगली सुनवाई 25 अप्रैल 2025 को होगी।

जज ने कहा, "प्रस्तुत अभियोजन शिकायत पर अब 25 अप्रैल 2025 को अगली सुनवाई में विचार किया जाएगा, जिसमें ईडी के विशेष वकील और जांच अधिकारी अदालत के समक्ष केस डायरी पेश करेंगे।"

ईडी का पक्ष और AJL से संबंध

ईडी के अनुसार, यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 8 और 2013 के नियमों के तहत की गई है। AJL, जो नेशनल हेराल्ड का प्रकाशक है, यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में है। सोनिया और राहुल गांधी इस कंपनी में 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं, जिससे वे बहुसंख्यक हिस्सेदार बनते हैं।

रॉबर्ट वाड्रा भी ईडी के दफ्तर पहुंचे

इससे पहले मंगलवार को कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा हरियाणा के शिकोहपुर में 2008 की एक ज़मीन डील से जुड़े धनशोधन मामले में ईडी के समन पर जांच एजेंसी के दफ्तर पहुंचे। वाड्रा अपने समर्थकों के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे, जिन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

वाड्रा ने कहा: "मैं कई बार समन पर हाज़िर हुआ हूँ, मेरे पास छिपाने को कुछ नहीं। इस केस में कुछ नहीं है। मैं पिछले 20 सालों में 15 बार से ज्यादा समन पर आया हूँ और हर बार 10 घंटे से अधिक पूछताछ हो चुकी है। 23,000 दस्तावेज़ इकट्ठा करना आसान नहीं होता।"

"मैं देश के मुद्दों पर बोलता हूँ तो मुझे रोका जाता है, राहुल को संसद में बोलने से रोका जाता है। यह सब भाजपा का राजनीतिक प्रतिशोध है। जब भी मैं राजनीति में आने की इच्छा जताता हूँ, तो पुराने मुद्दे उठाकर मुझे नीचा दिखाया जाता है।"

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