अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के लिए मांगा फंड, 100 करोड़ रुपये की डिमांड की: ईडी
ईडी ने दावा किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के लिए साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी.
Arvind Kejriwal Bail Plea: ईडी ने बुधवार को दावा किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के लिए साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी. यह दावा कथित आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका का विरोध करते हुए किया गया. केंद्रीय जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि मामले में आरोपी बनाई गई आम आदमी पार्टी (आप) अगर कोई अपराध करती है तो पार्टी का प्रभारी व्यक्ति दोषी माना जाएगा. ईडी ने अदालत को बताया कि जब पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मामले में आरोपी बनाया गया था, तब 'आप' को आरोपी के तौर पर नामित नहीं किया गया था.
ईडी ने स्पेशल जज नियाय बिंदु से कहा कि केजरीवाल ने रिश्वत मांगी. उन्होंने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी. केजरीवाल ने 'आप' के लिए फंड मांगा. केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत मांगी. आप यह नहीं कह सकते कि वह अपराध के लिए दोषी नहीं हैं. अगर 'आप' कोई अपराध करती है तो पार्टी के प्रभारी हर व्यक्ति को दोषी माना जाएगा. इसमें कहा गया कि अब 'आप' को आरोपी बना दिया गया है. केजरीवाल पार्टी के आचरण के लिए जिम्मेदार हैं. केजरीवाल 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक हैं.
इस बीच जज ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत भी बढ़ा दी. क्योंकि उन्हें पहले दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया था. केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकील ने उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने की ईडी की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें लगातार जेल में रखने का कोई आधार नहीं है. जमानत याचिका पर बहस के दौरान केजरीवाल के वकील ने अदालत को बताया कि उनके खिलाफ पूरा मामला बयानों पर आधारित है.
वकील ने कहा कि यह बयान उन लोगों के हैं, जिन्होंने खुद को दोषी माना है. वे यहां संत नहीं हैं. ये वे लोग हैं जो न केवल दागी हैं, बल्कि ऐसा लगता है कि कुछ को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें जमानत और माफ़ी का वादा किया गया था. केजरीवाल के वकील ने कहा कि परिस्थितियां इतनी आंतरिक रूप से जुड़ी होनी चाहिए कि अपराध साबित हो. दागी व्यक्तियों के ये बयान अभियोजन पक्ष के मामले को बदनाम करते हैं. इस बात का कोई सबूत नहीं है कि साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपये आए. ये सब बयान हैं. कोई सबूत नहीं है. ये सब बयानों के रूप में है.
ईडी और सीबीआई के अनुसार, साउथ ग्रुप राजनेताओं, व्यापारियों और अन्य लोगों का एक गिरोह है, जिन्होंने शराब लाइसेंस के लिए पैरवी की, जिसके लिए उन्होंने दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी को रिश्वत दी. केजरीवाल के वकील ने दावा किया कि कई सह-आरोपियों के बयानों में विरोधाभास है. उन्होंने कहा कि अगर इस कमी को पूरा करने के लिए कोई और बयान दर्ज किया जाता है तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा. यही वह प्रक्रिया है, जिसका वे पालन करते हैं. जांच हमेशा अंतहीन होती है. जब भी वे चाहते हैं, किसी को भी फंसा देते हैं. यह उत्पीड़न का सबसे बड़ा साधन है.
वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत इस आधार पर दी थी कि उनके न्याय से भागने या जांच या गवाहों को प्रभावित करने की कोई संभावना नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. ईडी ने केजरीवाल की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आवश्यकता यह नहीं है कि आपका कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो. ईडी के वकील ने कहा कि मैं संवैधानिक पद पर हूं, यह पीएमएलए के तहत जमानत देने के लिए प्रासंगिक नहीं है. यह जमानत देने से इनकार करने के लिए एक अतिरिक्त कारक हो सकता है. लेकिन एकमात्र कारक जो प्रासंगिक है,वह यह है कि क्या वह दोषी है.
केजरीवाल के इस तर्क को खारिज करते हुए कि ईडी को उनके खिलाफ एकमात्र सबूत 'अनुमोदकों के बयान' मिले थे. केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि जब सबूत जुटाना मुश्किल हो जाता है तो अनुमोदक बनाए जाते हैं. कानून इसे मान्यता देता है. आप यह नहीं कह सकते कि इसमें प्रलोभन है. इसलिए, कानून यही कहता है. इसमें कहा गया है कि यह तथ्य कि मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया गया है, संदेह से परे है. क्योंकि अदालत ने इसका संज्ञान लिया है और इसे चुनौती नहीं दी गई है. सह-आरोपी विजय नायर AAP का मीडिया समन्वयक था. वह शराब नीति में रुचि रखने वालों, थोक विक्रेताओं के साथ बैठकें करता था. हमारे पास सबूत हैं कि वह केजरीवाल के बहुत करीब था. केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने कहा कि रिश्वत की मांग की पुष्टि हो गई है. पैसा गोवा गया है. यह हवाला डीलरों के पास गया है. हमने बयान दर्ज कर लिए हैं. बड़ी रकम नकद में दी गई थी, यह भी स्थापित हो गया है. पूरी तहकीकात स्थापित हो गई है.