सोमवार को मतदाता सूची के एसआईआर की तारीखों का एलान करेगा चुनाव आयोग
चुनाव आयोग सोमवार शाम को भारत के विभिन्न राज्यों के लिए एसआईआर की तारीखों की घोषणा करेगा. वहीँ विपक्षी दलों की बात करें तो सब एक स्वर में एसआईआर का विरोध कर रहे हैं.
By : The Federal
Update: 2025-10-26 17:22 GMT
SIR In PAN India : भारतीय चुनाव आयोग (ECI) सोमवार शाम को पूरे देश में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिविसन (Special Intensive Revision - SIR) की तारीखों की घोषणा करेगा। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस शाम 4:15 बजे आयोजित की जाएगी, जिसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त सुखबीर सिंह संधु और विवेक जोशी उपस्थित रहेंगे।
एजेंसी रिपोर्ट के अनुसार, आयोग इस प्रक्रिया के पहले चरण में 10 से 15 राज्यों को शामिल करेगा। इनमें वे राज्य भी होंगे, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
क्या है SIR प्रक्रिया
एसआईआर यानी स्पेशल इंटेंसिव रिविसन, मतदाता सूची को अपडेट और शुद्ध करने की प्रक्रिया है। इसके तहत नए मतदाताओं का नामांकन, मृत मतदाताओं के नामों का हटाया जाना, डुप्लिकेट प्रविष्टियों को निकालना, और पते में बदलाव या स्थानांतरण जैसे कार्य किए जाते हैं।
पहले चरण में इन राज्यों पर रहेगा फोकस
आयोग की यह पहल विशेष रूप से उन राज्यों पर केंद्रित है जहां अगले साल के बाद चुनाव होने हैं —
तमिलनाडु
पश्चिम बंगाल
केरल
असम
पुडुचेरी
इन राज्यों में 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। मतदाता सूची की शुद्धता इन चुनावों की विश्वसनीयता और पारदर्शिता के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, पहले चरण की समय-सारणी उन राज्यों से शुरू होगी, जहां चुनावी तैयारी अधिक जरूरी मानी जा रही है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि में महत्व
इन राज्यों की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए यह प्रक्रिया और भी अहम हो जाती है —
तमिलनाडु में डीएमके बनाम एआईएडीएमके का मुकाबला,
पश्चिम बंगाल में टीएमसी बनाम भाजपा की चुनौती,
केरल में एलडीएफ और यूडीएफ की परंपरागत टक्कर,
असम में भाजपा की पकड़ और
पुडुचेरी में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन की भूमिका चर्चा में है।
डिजिटल प्रयास और पारदर्शिता
निर्वाचन आयोग ने हाल के वर्षों में डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देकर मतदाता सूची को और मजबूत किया है।
वोटर हेल्पलाइन ऐप,
ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली,
और बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) की भूमिका को सशक्त बनाया गया है।
एसआईआर के दौरान घर-घर सर्वेक्षण, दावे-आपत्तियों का निपटारा और फोटो आईडी कार्ड अपडेट जैसे कार्य किए जाएंगे।
पहले चरण के बाद बाकी राज्यों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा ताकि देशभर में एक समान और पारदर्शी मतदाता सूची तैयार की जा सके। यह घोषणा ऐसे समय में हो रही है जब राजनीतिक दल मतदाता पंजीकरण और बूथ-स्तर पर वोटर डेटा को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरत रहे हैं।