तेजस का पहला जेट इंजन इस महीने आने की उम्मीद, 2 साल की हो चुकी है देरी

स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए जेट इंजन की सप्लाई इसी महीने के आखिर तक हो सकती है। एयरक्राफ्ट बनाने वाली अमेरिकी कंपनी GE पहला जेट इंजन भेजने वाली है।;

Update: 2025-03-22 06:01 GMT

ऐसे समय में जबकि भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर विवाद असमंजस है, रक्षा के मोर्चे पर दोनों देश एक कदम आगे बढ़े हैं। इसका उदाहरण है भारत में बने तेजस के लिए अमेरिका से जेट इंजन आने वाला है।

विमान इंजन बनाने वाली प्रमुख अमेरिकी कंपनी JE से इस महीने भारत की सरकारी कंपनी HAL को 99 GE-404 इंजनों में से पहला इंजन देने की उम्मीद है। इसमें पहले ही दो साल की देरी हो चुकी है। जो डील हुई थी, उसमें से पहला जेट इंजन टेस्टिंग वाली प्रक्रिया में है।

GE से इस साल यानी साल 2025 में 12 जेट इंजन मिलने की उम्मीद है। वैसे अमेरिकी कंपनी GE को 20 इंजनों की डिलीवरी हर साल करनी है। बहुप्रतीक्षित GE-404 इंजन तेजस मार्क 1-ए लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल होता है, जिसकी आपूर्ति में देरी ने भारतीय वायुसेना में काफी चिंता पैदा कर दी है।

अमेरिकी कंपनी GE से यह डील साल 2021 में हुई थी। उसके मुताबिक अमेरिकी कंपनी ने भारत को 99 इंजन तैयार करके देने हैं। इसके लिए 716 मिलियन अमेरिकी डॉलर की डील हुई थी।

इसके साथ-साथ HAL समानांतर रूप से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर व्यवस्था के तहत भारत में अधिक शक्तिशाली GE-414 इंजन के निर्माण के लिए GE के साथ काम कर रहा है।

जानकारों का मानना है कि GE-414 इंजन की डिलीवरी से भारत में DRDO द्वारा विकसित किए जा रहे उन्नत बहु-भूमिका लड़ाकू विमान को और ताकत मिलेगी। भारतीय वायुसेना की योजना एक दशक के भीतर 350 तेजस विमानों का बेड़ा खड़ा करने की है।

तेजस MK1A विमानों के निर्माण में काफी अड़चने आई हैं। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के अनुसार, अनुबंधित इंजनों में से पहला इंजन पहले से ही परीक्षण-स्थल पर है और इस महीने के अंत तक इसकी डिलीवरी होने की उम्मीद है।

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