गोवा क्लब अग्निकांड: लूथरा ब्रदर्स की थाईलैंड से तुरंत भारत वापसी मुश्किल
बैंकॉक कोर्ट तय करेगा आगे की कार्रवाई, कानूनी जटिलताओं और मानवाधिकार पहलुओं की जांच में जुटे थाई अधिकारी,
By : The Federal
Update: 2025-12-15 10:00 GMT
Goa Fire Tragedy : गोवा के अरपोरा गाँव स्थित नाइटक्लब ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ में 6 दिसंबर को हुए भीषण अग्निकांड के मामले में फरार चल रहे लूथरा बंधुओं की भारत वापसी फिलहाल टलती नजर आ रही है। थाईलैंड की एक अदालत अब यह तय करेगी कि गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा को भारत डिपोर्ट किया जाए या नहीं।
इस आग हादसे में 25 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद क्लब के सह-मालिक रहे दोनों भाई भारत से भागकर थाईलैंड के फुकेट पहुंच गए थे।
थाईलैंड में हिरासत में लूथरा बंधु
पीटीआई से बातचीत में बैंकॉक स्थित सूत्रों ने बताया कि थाई अधिकारी इस मामले को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाने की तैयारी में हैं। भारतीय मिशन के हस्तक्षेप के बाद 11 दिसंबर को थाई अधिकारियों ने दोनों भाइयों को फुकेट में हिरासत में लिया था।
भारतीय दूतावास के सूत्रों के अनुसार, लूथरा बंधुओं से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज कानूनी चैनलों के जरिए थाई अधिकारियों को सौंप दिए गए हैं।
बैंकॉक कोर्ट में होगी सुनवाई
कानूनी स्थिति को देखते हुए यह मामला अब बैंकॉक की एक स्थानीय अदालत में सुना जाएगा। हालांकि, सुनवाई कब शुरू होगी और जज इस पर कब फैसला करेंगे, इसे लेकर फिलहाल कोई तय समयसीमा सामने नहीं आई है।
दूतावास सूत्रों के अनुसार “मामला तब आगे बढ़ेगा, जब स्थानीय अदालत सुनवाई शुरू करेगी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि जज इस केस को कब लिस्ट करेंगे।”
कानूनी पेच और मानवाधिकार का पहलू
लूथरा बंधुओं की ओर से वरिष्ठ वकील जावेद मीर कानूनी टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि अधिवक्ता वैभव सूरी भी बैंकॉक पहुंच चुके हैं। थाई कानून के तहत उपलब्ध विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, ताकि भारत की मांग को चुनौती दी जा सके।
भारत सरकार ने दोनों भाइयों के पासपोर्ट रद्द करने के बाद थाई अधिकारियों को एक डोजियर सौंपा है, जिसमें 25 लोगों की मौत के लिए उनकी कथित भूमिका का जिक्र है। सूत्रों के मुताबिक, ये आरोप महज गैर-इरादतन हत्या तक सीमित नहीं हैं।
वैध दस्तावेजों के बिना थाईलैंड में रह रहे थे
बताया गया है कि लूथरा बंधु वैध यात्रा दस्तावेजों के साथ थाईलैंड में दाखिल हुए थे, लेकिन बाद में भारत सरकार द्वारा पासपोर्ट रद्द किए जाने के बाद वे बिना वैध कागजात के रह गए। इसी वजह से थाई अधिकारी इस मामले को कई कानूनी कोणों से देख रहे हैं, जिनमें बुनियादी मानवाधिकार से जुड़े पहलू भी शामिल हैं।
तुरंत भारत लौटना मुश्किल
हालांकि भारतीय सरकारी सूत्रों का कहना है कि थाई अधिकारी डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं, लेकिन कानूनी और कूटनीतिक जटिलताओं को देखते हुए लूथरा बंधुओं की तत्काल भारत वापसी की संभावना कम है। अब अंतिम फैसला बैंकॉक की अदालत में विस्तृत सुनवाई के बाद ही लिया जाएगा, जहां सभी पक्षों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा।
गोवा पुलिस की कार्रवाई जारी
इस बीच, गोवा पुलिस इस मामले में पहले ही क्लब के पांच मैनेजर और स्टाफ सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है। जांच एजेंसियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस केस में और भी खुलासे हो सकते हैं।
(एजेंसियों से इनपुट के साथ)