क्या अगले लोकसभा चुनाव में 33% महिला आरक्षण लागू कर सकती है सरकार?
महिला आरक्षण अधिनियम लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन की प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। अब चूंकि जनगणना की घोषणा हो चुकी है और उसके बाद अन्य कदम उठाए जाएंगे।;
मोदी सरकार 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ा सियासी दांव चल सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स बता रही हैं कि सरकार महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण लागू कर सकती है। इसकी तैयारियां अभी से चल रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी गई है। बताया गया है कि सरकार नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिसके तहत अगले चुनाव में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की जाएंगी।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम संविधान (128वां संशोधन) विधेयक सितंबर 2023 में पारित हुआ था। इसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटों के आरक्षण की व्यवस्था है। लेकिन ये अधिनियम के बाद आयोजित पहली जनगणना के आंकड़ों के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद प्रभावी होगा।
महिला आरक्षण विधेयक परिसीमन प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। अब चूंकि जनगणना की घोषणा हो चुकी है और उसके बाद अन्य कदम उठाए जाएंगे। इस महीने की शुरुआत में ही सरकार ने घोषणा की थी कि जाति गणना के साथ-साथ जनगणना के लिए आंकड़े एकत्र करने की प्रक्रिया अगले साल शुरू होगी और इससे 1 मार्च, 2027 तक देश की जनसंख्या का मोटा-मोटा आकलन पता चल जाएगा।
अगले लोकसभा चुनावों में महिला आरक्षण को हकीकत बनाने के लिए, समय रहते परिसीमन पूरा करना होगा ताकि भारत के चुनाव आयोग द्वारा निर्वाचन क्षेत्रों के नए परिसीमन के आधार पर 2029 के चुनाव कराए जा सकें।
जनगणना के आंकड़े परिसीमन के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि आंकड़े उपलब्ध होने के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की सीटों को पुनः समायोजित करने और उनकी क्षेत्रीय सीमाओं को पुनः निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।
अगली जनगणना के बाद परिसीमन के लिए संसद को परिसीमन अधिनियम पारित करना होगा, जिसके तहत परिसीमन आयोग का गठन किया जाएगा जिससे लोकसभा सीटों में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।