ONOE: 2029 से एकसाथ चुनाव? सरकार का तर्क बनाम विपक्ष की चिंता
Constitution Amendment 2024: ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को मोदी सरकार की प्राथमिक परियोजनाओं में से एक माना जा रहा है और इस दिशा में यह बैठक एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हो सकती है.;
One Nation One Election: भारत में चुनावी प्रणाली को बदलने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है. इसी कड़ी में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की अहम बैठक 11 जुलाई 2025 को होने जा रही है, जहां संविधान में बड़े संशोधन को लेकर कानूनी विशेषज्ञों और पूर्व अधिकारियों से राय ली जाएगी. यह सिर्फ एक बैठक नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र के भविष्य को आकार देने वाला कदम माना जा रहा है, जो अगर लागू हुआ तो 2034 तक देश के सभी चुनाव एक ही समय पर हो सकते हैं.
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पहल पर विचार कर रही JPC की अगली बैठक संसद भवन एनेक्सी में आयोजित की जाएगी. इस बैठक की अध्यक्षता भाजपा सांसद पीपी चौधरी करेंगे. इसमें कानूनी विशेषज्ञों और पूर्व अधिकारियों से राय लिया जाएगा, ताकि प्रस्तावित संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्रशासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर व्यापक चर्चा की जा सके. यह समिति लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की दिशा में कानूनी ढांचे और संस्थागत पहलुओं का परीक्षण कर रही है. प्रस्तावित विधेयक दिसंबर 2024 में लोकसभा में पेश किया गया था. इसमें यह प्रावधान है कि राष्ट्रपति लोकसभा के पहले सत्र की तिथि पर अधिसूचना जारी कर सकें, जिससे भविष्य में सभी चुनाव एक साथ कराए जा सकें.
2029 से लागू हो सकता है नया चुनाव चक्र
योजना के अनुसार, 2029 में चुनी गई लोकसभा की कार्यकाल समाप्त होने तक राज्य विधानसभाओं के चुनाव उसी चक्र में लाए जाएंगे, जिससे 2034 तक देशभर में एकसाथ चुनाव सुनिश्चित हो सके. पीपी चौधरी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि इस प्रक्रिया के तहत 2032 में चुनी गई विधानसभाओं, जैसे कि उत्तर प्रदेश का कार्यकाल छोटा किया जा सकता है, संभवतः 2 या 3 वर्षों के लिए – ताकि 2034 में सभी चुनाव एक साथ हो सकें.
विशेषज्ञों और संस्थानों से सलाह
समिति की अगली कार्रवाई में कानूनी और संस्थागत पक्षों से सुझाव लेना शामिल है, जिससे सिफारिशों को अंतिम रूप दिया जा सके. समिति अब तक महाराष्ट्र और उत्तराखंड का दौरा कर चुकी है और आने वाले समय में अन्य राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों का भ्रमण करेगी.
राजनीतिक प्रतिनिधित्व
39 सदस्यीय समिति में 27 लोकसभा सांसद और 12 राज्यसभा सांसद शामिल हैं. इनमें प्रमुख नेता हैं:-
भाजपा: अनुराग ठाकुर, बांसुरी स्वराज
कांग्रेस: प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी
एनसीपी: सुप्रिया सुले
विपक्ष की आपत्तियां
सरकार का कहना है कि एक साथ चुनाव कराने से शासन व्यवस्था अधिक सुसंगत बनेगी, बार-बार चुनाव पर होने वाला खर्च घटेगा और आचार संहिता से उत्पन्न नीतिगत अड़चनें भी कम होंगी. हालांकि, विपक्षी दलों और आलोचकों ने इस योजना को लेकर संघीय ढांचे पर प्रभाव, राज्यों की स्वायत्तता में हस्तक्षेप और लोकतांत्रिक विविधता को नुकसान पहुंचाने की आशंका जताई है.
बैठक पर नजर
अब सभी की नजरें 11 जुलाई को होने वाली बैठक पर हैं, जहां कानूनी और लॉजिस्टिक रोडमैप पर अधिक स्पष्टता मिलने की उम्मीद है. ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को मोदी सरकार की प्राथमिक परियोजनाओं में से एक माना जा रहा है और इस दिशा में यह बैठक एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हो सकती है.