'वोट चोरी' विवाद के बीच INDIA गठबंधन का बड़ा कदम, CEC के खिलाफ महाभियोग की तैयारी
विपक्ष और चुनाव आयोग के बीच संघर्ष अब संवैधानिक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है. अगर INDIA गठबंधन संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाता है तो यह देश के लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं के लिए एक ऐतिहासिक हो सकता है.;
विपक्षी दलों और चुनाव आयोग के बीच बढ़ते टकराव के बीच INDIA गठबंधन ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है. यह कदम तब उठाया गया, जब 17 अगस्त को CEC ज्ञानेश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के उन आरोपों को "बेबुनियाद" और "संविधान का अपमान" बताया, जिनमें उन्होंने चुनाव आयोग पर व्यापक स्तर पर मतदाता धोखाधड़ी का आरोप लगाया था.
राहुल गांधी से मांगा हलफनामा या माफी
अपने बयान में ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी से या तो सबूत सहित एक हस्ताक्षरित हलफनामा प्रस्तुत करने या फिर देश से माफ़ी मांगने की मांग की.
राहुल गांधी के आरोप
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर हरियाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक विधानसभा चुनावों में "वोट चोरी" (vote theft) के आरोप लगाए हैं. उन्होंने 7 अगस्त को बेंगलुरु सेंट्रल की महादेवपुरा विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 1,00,250 वोट चोरी हुए, जिससे बीजेपी को 2024 लोकसभा चुनाव में जीत मिली. उन्होंने चुनाव आयोग को बीजेपी के साथ "साठगांठ"** का दोषी ठहराया.
महाभियोग की प्रक्रिया
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324(5) के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाने की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को हटाने जैसी है. इसके लिए संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाना होता है.
विपक्ष का आरोप
CEC की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर "चयनात्मक कार्रवाई" का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग मुझसे हलफनामा मांगता है, लेकिन जब बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर वही बातें कहते हैं, तब उनसे कुछ नहीं पूछा जाता. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे बीजेपी बोल रही हो. क्या उन्होंने महादेवपुरा में एक लाख चोरी हुए वोटों पर कोई जवाब दिया?
अन्य दलों की प्रतिक्रिया
आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि चुनाव आयोग ज्वलंत सवालों से बच रहा है. झामुमो सांसद महुआ माजी ने चुनाव आयोग से राहुल गांधी द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर स्पष्टीकरण मांगा.