ईरान में जंग के साये में फंसे भारतीय, भारत ने शुरू की सुरक्षित निकासी
ईरान-इज़राइल संघर्ष के बीच भारत ने अपने नागरिकों को निकालना शुरू किया। दो कश्मीरी छात्र घायल हुए, दूतावास ने हाई-रिस्क ज़ोन से हटाया।;
Iran Israel Conflict: ईरान में फंसे 10,000 से अधिक भारतीय नागरिकों ( बड़ी संख्या में छात्र शामिल हैं) को निकालने के भारत के आग्रह पर तेहरान सरकार ने जवाब दिया है। ईरान सरकार का कहना है कि उसने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है, इसलिए भारतीय नागरिक अफगानिस्तान, अज़रबैजान और तुर्कमेनिस्तान की ज़मीनी सीमाओं के जरिए बाहर निकल सकते हैं।इस बीच, ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष के चौथे दिन भारत के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने खतरनाक क्षेत्रों से भारतीय छात्रों सहित नागरिकों को हटाकर सुरक्षित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार भारतीय दूतावास ईरान में सुरक्षा स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और वहां मौजूद भारतीय छात्रों के साथ सक्रिय रूप से संपर्क में है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। कुछ मामलों में दूतावास की मदद से छात्रों को ईरान के भीतर ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।दूतावास स्थानीय समुदाय के नेताओं से भी संपर्क में है ताकि सुरक्षा और कल्याण से जुड़े मुद्दों पर समन्वय किया जा सके।
दो भारतीय छात्र घायल
रविवार रात (15 जून) को तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज़ के अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बॉयज हॉस्टल के पास एक हमला हुआ।दो भारतीय छात्र, जो कि कश्मीर से हैं, इस हमले में घायल हो गए। ‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्ट के अनुसार दोनों छात्र स्थिर हालत में हैं और उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा रक्षा के लिहाज़ से रामसर स्थानांतरित कर दिया गया है।
छात्रों की अपील: हमें जल्द से जल्द निकाला जाए
ईरान में फंसे कई छात्रों ने भारतीय अधिकारियों से अपील की है कि उन्हें स्थिति के और बिगड़ने से पहले ही सुरक्षित रूप से निकाल लिया जाए।22 वर्षीय एमबीबीएस छात्र ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि वे तीन दिनों से सो नहीं पाए हैं, और अपने अपार्टमेंट के बेसमेंट में फंसे हुए हैं, जहां हर रात विस्फोटों की आवाज़ें सुनाई देती हैं।
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की अपील
जम्मू और कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (JKPCC) ने रविवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से जम्मू-कश्मीर के छात्रों को तत्काल ईरान से निकालने की मांग की।JKPCC प्रमुख तारीक हमीद करा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ईरान में बिगड़ती स्थिति के बीच जम्मू-कश्मीर के छात्रों को तत्काल निकाला जाए। उनकी सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए और उन्हें हरसंभव मदद मिलनी चाहिए।
पीडीपी की सलाह और दूतावास के संपर्क
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने ईरान में फंसे जम्मू-कश्मीर के छात्रों को सलाह दी कि वे तेहरान स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करें।उन्होंने X (ट्विटर) पर साझा किया कि छात्र इन नंबरों पर व्हाट्सएप मैसेज या कॉल करें +98 9128109115, +98 9128109109
दूतावास की एडवाइज़री और अलर्ट
भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, ईरान में 2022 तक लगभग 10,000 भारतीय नागरिक रह रहे थे, जिनमें 2,000 से अधिक छात्र शामिल हैं।तेहरान में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों के लिए एडवाइज़री जारी करते हुए कहा है कि वे सतर्क रहें,अनावश्यक आवाजाही से बचें, आधिकारिक सोशल मीडिया चैनलों से जुड़े रहें।
स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें
एडवाइज़री में कहा गया है कि कृपया घबराएं नहीं, सावधानी बरतें और भारत के दूतावास से संपर्क बनाए रखें।दूतावास ने एक Google फ़ॉर्म भी साझा किया है, जिसमें ईरान में मौजूद भारतीय नागरिकों से अपने विवरण दर्ज करने को कहा गया है।इसके अलावा, एक टेलीग्राम चैनल भी शुरू किया गया है जिससे भारतीयों को ईरान में हो रही घटनाओं की ताज़ा जानकारी समय पर मिल सके।