INDIA गठबंधन ने मानसून सत्र की रणनीति बनाई, सरकार को घेरने के लिए उठाएंगे ये अहम मुद्दे
विपक्षी दल संसद के मानसून सत्र में मुख्य रूप से पहलगाम हमले और उसके बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी में हैं।;
शनिवार (19 जुलाई) को INDIA गठबंधन की 24 पार्टियों ने वर्चुअल बैठक की, जिसमें संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार को घेरने के मुद्दों पर सहमति बनाई गई। यह बैठक सत्र से ठीक पहले हुई और इसमें तय किया गया कि जल्दी ही एक आमने-सामने की बैठक भी होगी।
मानसून सत्र में विपक्ष जिन मुद्दों पर सरकार को घेर सकता है, वे हैं-
पहलगाम आतंकी हमला और उसके बाद शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर
भारत-पाकिस्तान सीजफायर, और इस मुद्दे पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता जैसे बयान
विदेश नीति में विफलताएं, खासकर अमेरिका, चीन और इजरायल/गाज़ा को लेकर
विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्सीमांकन (Delimitation) की प्रक्रिया
देशभर में दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचार
जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा और लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के तहत लाने की मांग पर इस बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई।
हाल ही में कांग्रेस नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर इन दोनों मांगों पर कानून लाने की बात की थी, जिसे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने भी समर्थन दिया था। लेकिन INDIA गठबंधन की बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा नहीं होना इस बात की ओर संकेत करता है कि इन पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई है।
अन्य मुद्दे
विपक्ष ने यह भी मांग की है कि मोदी खुद संसद में मौजूद रहें, जब पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो। साथ ही, बिहार में चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर भी सवाल उठाए जाएंगे।
बैठक में शामिल प्रमुख नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी (कांग्रेस), उमर अब्दुल्ला (J&K), हेमंत सोरेन (झारखंड), शरद पवार (NCP-एसपी), उद्धव ठाकरे (शिवसेना-UBT), अभिषेक बनर्जी (TMC), तेजस्वी यादव (RJD), राम गोपाल यादव (SP), तिरुचि शिवा (DMK), एम ए बेबी (CPM), डी राजा (CPI) और दीपांकर भट्टाचार्य (CPI-ML)।