India Population: साल 2036 तक भारत की जनसंख्या हो जाएगी 152.2 करोड़, सुधरेगा लिंगानुपात

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) की एक रिपोर्ट से पता चला है कि साल 2036 तक भारत की जनसंख्या 152.2 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है.

Update: 2024-08-13 10:16 GMT

India population 2036: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) की एक रिपोर्ट से पता चला है कि साल 2036 तक भारत की जनसंख्या 152.2 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है. अनुमान है कि 15 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों का अनुपात साल 2011 से 2036 तक घट जाएगा. इसकी वजह प्रजनन दर में गिरावट हो सकती है. वहीं, इस अवधि के दौरान 60 वर्ष और उससे अधिक आयु की आबादी के अनुपात में काफी वृद्धि होने का अनुमान है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2036 में भारत की जनसंख्या साल 2011 की तुलना में अधिक स्त्रियों वाली होने की उम्मीद है. यानी कि साल 2011 के मुकाबले साल 2036 में महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज होने की संभावना है. साल 2011 में 943 (प्रति 1,000 पुरुषों) से बढ़कर 2036 तक 952 होने का अनुमान है.

यह रिपोर्ट भारत में महिलाओं और पुरुषों की स्थिति का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है, जिसमें जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक भागीदारी और निर्णय लेने पर आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं. यह शहरी-ग्रामीण विभाजन और क्षेत्रों में लिंग-विभाजित डेटा प्रस्तुत करता है, जो असमानताओं को उजागर करता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2016 से 2020 तक 20-24 और 25-29 आयु वर्ग में आयु-विशिष्ट प्रजनन दर (एएसएफआर) क्रमशः 135.4 और 166.0 से घटकर 113.6 और 139.6 हो गई है. साल 2020 में साक्षर लोगों के लिए किशोर प्रजनन दर 11.0 की तुलना में निरक्षर आबादी के लिए 33.9 थी. यह दर उन लोगों के लिए भी काफी कम है, जो साक्षर हैं. लेकिन बिना किसी औपचारिक शिक्षा (20.0) के पास निरक्षर महिलाओं की तुलना में है, जो महिलाओं को शिक्षा प्रदान करने के महत्व पर फिर से जोर देता है.

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2036 तक जनसंख्या 152.2 करोड़ हो जाएगी. वहीं, लिंगानुपात सुधरकर 952 हो जाएगा. इसमें महिला प्रतिशत में मामूली वृद्धि 48.8% होगी. जबकि साल 2011 में यह 48.5% थी. लिंगानुपात में भी 943 से 952 तक सुधार होने का अनुमान है.

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