'गांधी की नीति, बोस की प्रेरणा', भारत की विदेश नीति का नया अध्याय
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने वैश्विक समर्थन की मांग की। सात संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने पाक प्रायोजित आतंक पर दुनिया से एकजुट होकर कार्रवाई की अपील की।;
भारत के सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों ने शनिवार, 24 मई को रूस और जापान में अपनी यात्राएं पूरी कर लीं हैं। इन दौरों में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई और भारत के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर रचनात्मक चर्चाएं हुईं। इसी बीच, अन्य प्रतिनिधिमंडल बहरीन और कतर पहुंचे, जहां उन्होंने सीमा पार कट्टरपंथ के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया को प्रमुखता से प्रस्तुत किया।
आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई की अपील
पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल) में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने सात बहु-पक्षीय प्रतिनिधिमंडलों को 33 वैश्विक राजधानियों में भेजने की योजना बनाई। इनका उद्देश्य आतंकवाद और कट्टरपंथ से मुकाबले के लिए सहयोग मजबूत करना है।
'पाक प्रायोजित आतंक का पर्दाफाश'
रूस दौरे का नेतृत्व डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने किया। मास्को में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रूस को करीबी और विश्वसनीय मित्र बताया। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि रूस यह समझे कि यह हमारे लिए कठिन समय है। पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का हमें लंबे समय से सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है।
इससे पहले शुक्रवार को प्रतिनिधिमंडल ने रूस की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के उपाध्यक्ष आंद्रे डेनिसोव से मुलाकात की और आतंकवाद पर साझा चिंता व्यक्त की।
जापान में गांधी का रास्ता, लेकिन बोस की प्रेरणा
जापान दौरे का नेतृत्व जदयू राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने किया। उन्होंने कहा, "हर मंच पर हमने आतंकवाद के प्रति भारत की ज़ीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्ट किया और पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को उजागर किया। झा ने कहा, "गांधी की अहिंसा हमारी पसंद है, विवशता नहीं। लेकिन जब शांति को चुनौती दी जाती है, तो हम रास बिहारी बोस की निर्भीक भावना के साथ जवाब देते हैं।"टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, "यदि आतंकवाद एक पागल कुत्ता है, तो पाकिस्तान उसका दुष्ट प्रशिक्षक है। दुनिया को एकजुट होना होगा।"
कतर और बहरीन में भारत का स्पष्ट संदेश
कतर पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) ने किया। प्रतिनिधिमंडल में कई दलों के प्रमुख नेता शामिल हैं, जैसे भाजपा के अनुराग ठाकुर, कांग्रेस के मनीष तिवारी, टीडीपी के श्रीकृष्ण देवरा यालु और आप के विक्रमजीत सिंह। भारतीय दूतावास ने स्वागत करते हुए कहा, "भारत आतंकवाद के विरुद्ध अपने सशक्त संदेश को दुनिया तक पहुंचा रहा है।
बहरीन में जय पांडा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की और क्षेत्रीय नेताओं से मुलाकात की। भारतीय राजदूत ने बताया कि खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) देशों की प्रतिक्रिया में बदलाव आया है, विशेषकर पहलगाम हमले के बाद। यूएई ने सबसे पहले आतंकवादी हमले की स्पष्ट निंदा की।
ऑपरेशन सिंदूर की वैश्विक गूंज
22 अप्रैल के हमले के बाद भारत ने 7 मई को "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8 से 10 मई तक भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसका भारत ने तीव्र जवाब दिया। 10 मई को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद ज़मीनी संघर्ष रोकने पर सहमति बनी।
भारत का यह वैश्विक कूटनीतिक अभियान न केवल देश की आतंकवाद विरोधी नीति को स्पष्ट करता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि भारत आतंकवाद के किसी भी रूप को बर्दाश्त नहीं करेगा चाहे वह किसी भी सीमा से क्यों न आए। प्रतिनिधिमंडल की यात्राएं इस बात की पुष्टि करती हैं कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि वैश्विक नेतृत्व का दावेदार भी बन रहा है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)