'पाकिस्तान आतंक फैलाता है, दोष दूसरों पर मढ़ता है': पाक-अफगान संघर्ष पर भारत
Pakistan: भारत जहां अफगानिस्तान में शांति, विकास और मानवीय सहायता पर जोर दे रहा है, वहीं पाकिस्तान को उसके दोहरे रवैये और आतंकवाद के समर्थन के चलते अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आलोचना झेलनी पड़ रही है.
Afghan-Pakistan border dispute: भारत ने पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में हालिया सैन्य कार्रवाइयों और सीमा पर तनाव को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार को पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने और अपने आंतरिक संकटों के लिए पड़ोसी देशों को दोषी ठहराने का आरोप लगाया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि तीन बातें स्पष्ट हैं. पहला — पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को शरण देता है और आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करता है। दूसरा — यह पाकिस्तान की पुरानी आदत है कि वह अपनी आंतरिक असफलताओं के लिए अपने पड़ोसियों को दोषी ठहराता है। तीसरा — पाकिस्तान इस बात से बौखलाया हुआ है कि अफगानिस्तान अपने क्षेत्रीय अधिकारों और संप्रभुता का उपयोग कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि भारत, अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर संघर्ष
हाल के हफ्तों में पाकिस्तान ने काबुल और तालिबान नियंत्रित अन्य क्षेत्रों में हमले किए हैं। ये हमले TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) द्वारा पाकिस्तानी इलाकों में की गई हिंसक घटनाओं के जवाब में किए गए थे। पाकिस्तानी हमलों के जवाब में तालिबान ने सीमा पर जवाबी कार्रवाई की, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। हाल ही में एक 48 घंटे का संघर्ष विराम घोषित किया गया है।
हालांकि TTP, अफगान तालिबान से अलग संगठन है, लेकिन दोनों में वैचारिक समानता है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर TTP, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) जैसे संगठनों को शरण देने का आरोप लगाया है। तालिबान के 2021 में सत्ता में लौटने के बाद से TTP के हमलों में तेज़ी आई है।
भारत और तालिबान के बीच मजबूत होते रिश्ते
अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी की हालिया भारत यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने घोषणा की कि भारत अफगानिस्तान में अपनी तकनीकी मिशन को पूर्ण दूतावास में बदलने की तैयारी में है। रणधीर जायसवाल ने इस पर कहा कि हमारी विदेश मंत्री मुत्ताकी से मानवीय सहायता, विकास सहयोग और हमारे मिशन को अपग्रेड करने को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। भारत ने अफगानिस्तान को 20 एम्बुलेंस दिए हैं और हम स्वास्थ्य क्षेत्र में और योगदान देने की योजना बना रहे हैं। काबुल स्थित तकनीकी मिशन को पूर्ण दूतावास में बदला जाएगा।