कर्नाटक ने बढ़ाईं पेट्रोल-डीजल की कीमतें, जानें अन्य राज्यों का क्या रहेगा रुख?
लोकसभा चुनाव बीतते ही कांग्रेस की नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. राज्य सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए पैसों की आवश्यकता का हवाला देते हुए इस वृद्धि की घोषणा की.
Karnataka Increased Fuel Price: लोकसभा चुनाव बीतते ही कांग्रेस की नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. 16 जून 2024 को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने राज्य के विकास के लिए पैसों की आवश्यकता का हवाला देते हुए राज्य में पेट्रोल और डीजल पर बिक्री कर में वृद्धि की घोषणा की. इसका विपक्ष ने पुरजोर विरोध किया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कर्नाटक सरकार के इस रूख का क्या असर पड़ेगा.
कर्नाटक सरकार की अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल पर बिक्री कर 25.92 प्रतिशत से बढ़ाकर 29.84 प्रतिशत कर दिया गया है. जबकि, डीजल के लिए इसे 14.34 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.44 प्रतिशत कर दिया गया है. बिक्री कर में वृद्धि के अनुरूप बेंगलुरु में पेट्रोल की कीमतें 99.84 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 102.84 रुपये प्रति लीटर हो गई है और डीजल की कीमतें 85.93 रुपये से बढ़कर 88.95 रुपये प्रति लीटर हो गई है. ईंधन की कीमतें सभी वस्तुओं की कीमतों को सीधे प्रभावित करती हैं. इसलिए इसका असर अन्य क्षेत्रों, खासकर परिवहन पर भी पड़ने की उम्मीद है.
कर्नाटक सरकार का रुख
सीएम सिद्धारमैया ने राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम का बचाव करते हुए कहा कि कर्नाटक में संशोधित ईंधन की कीमतें अभी भी महाराष्ट्र सहित पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम हैं. उन्होंने पूर्ववर्ती भाजपा नीत राज्य सरकार पर उच्च केंद्रीय करों के मुकाबले राज्य में मूल्य वर्धित कर (वैट) को कम रखकर केंद्र को धन हस्तांतरित करने का भी आरोप लगाया. सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य सरकार को प्रदेश में पार्टी द्वारा वादा किए गए विकास योजनाओं को लागू करने के लिए अधिक धन की आवश्यकता है. सरकार को ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण इस वित्त वर्ष में लगभग 2,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है.
विपक्ष का आरोप
कर्नाटक सरकार द्वारा ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद कर्नाटक भाजपा ने मूल्य वृद्धि को वापस लेने की मांग करते हुए राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किया. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कर्नाटक के लोगों को खाद्य पदार्थों, कपड़ों, दवाओं और सभी बुनियादी जरूरतों के लिए अधिक भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. क्योंकि ईंधन की कीमतें सभी वस्तुओं की कीमतों को सीधे प्रभावित करती हैं. पुरी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों पर भाजपा शासित सरकारों की तुलना में अधिक वैट लगाने का भी आरोप लगाया.
अन्य राज्य सरकार
हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि क्या कांग्रेस के नेतृत्व वाली अन्य राज्य सरकारें भी अपने-अपने राज्यों में ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी करेंगी. इस बीच भाजपा के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर वैट में 2 प्रतिशत की कटौती की थी. हैदराबाद और केरल में पेट्रोल और डीजल की कीमतें सबसे अधिक बनी हुई हैं. हैदराबाद में पेट्रोल की कीमतें वर्तमान में 107.41 रुपये प्रति लीटर है. जबकि, केरल के त्रिवेंद्रम (तिरुवनंतपुरम) में कीमतें 107.28 रुपये प्रति लीटर है. मुंबई और जयपुर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी देश में सबसे अधिक हैं, जो क्रमशः 104.21 रुपये प्रति लीटर और 104.85 रुपये प्रति लीटर हैं.
ईंधन की कीमतों का निर्धारण
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) सहित तेल विपणन कंपनियां (OMC) देश में खुदरा ईंधन की कीमतें तय करती हैं. OMC ने 14 मार्च को लोकसभा चुनाव से पहले लगभग दो साल के अंतराल के बाद देश में ईंधन की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की. आमतौर पर OMC पिछले 15 दिनों में अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क कीमतों के रोलिंग औसत के आधार पर खुदरा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रतिदिन संशोधन करती हैं. हालांकि, कंपनियों ने कच्चे तेल की कीमतों में सुधार के बावजूद अप्रैल 2022 से ईंधन की कीमतों को वैसे ही रखा था. ईंधन की कीमतों में संशोधन न करने का निर्णय साल 2021 के अंत और 2022 में लिया गया था, जब कच्चे तेल की कीमतें 140 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर पर पहुंच गई थीं, ताकि भारतीय उपभोक्ताओं को मुद्रास्फीति से बचाया जा सके.