भूस्खलन के बारे में पहले दे दी गई थी चेतावनी, लेकिन केरल सरकार ने नहीं की कोई कार्रवाई: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र ने संभावित बाढ़ और भूस्खलन के बारे में केरल सरकार को अग्रिम चेतावनियां भेज दी थीं और उसी दिन एनडीआरएफ की नौ टीमें राज्य के लिए रवाना कर दी गई थीं.
Wayanad Landslide Tragedy: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि केंद्र ने संभावित बाढ़ और भूस्खलन के बारे में केरल सरकार को 23 जुलाई को ही कई अग्रिम चेतावनियां भेज दी थीं और उसी दिन एनडीआरएफ की नौ टीमें राज्य के लिए रवाना कर दी गई थीं. शाह ने वायनाड भूस्खलन त्रासदी पर अल्पकालिक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में हस्तक्षेप करते हुए राज्यसभा में कहा कि केरल सरकार ने अग्रिम चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया और एनडीआरएफ के पहुंचने पर भी वह सतर्क नहीं हुई.
शाह ने सदन को भरोसा दिलाया कि नरेंद्र मोदी सरकार इस त्रासदी की घड़ी में केरल सरकार और राज्य के लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है. उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का वादा भी किया.
आरोपों का जवाब
गृह मंत्री विपक्ष के उन बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिनमें कहा गया था कि वायनाड जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली की कमी के कारण लोगों की जान गई है. वहीं, विभिन्न दलों के कई सदस्यों ने केरल में हुई त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है. शाह ने कहा कि वे कहते रहे कि पूर्व चेतावनी, पूर्व चेतावनी... मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि 23 जुलाई को केरल सरकार को केंद्र सरकार द्वारा पूर्व चेतावनी दी गई थी. सात दिन पहले 23 जुलाई को, फिर 24 जुलाई को, फिर 25 जुलाई को. 26 जुलाई को बताया गया कि 20 सेंटीमीटर से ज्यादा भारी बारिश होगी, भूस्खलन की आशंका है, मिट्टी का बहाव हो सकता है और लोग उसके नीचे दबकर मर भी सकते हैं.
शाह ने राहुल पर किया कटाक्ष
विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इसलिए मैं कहता हूं, चिल्लाएं नहीं, कृपया हमारी बात सुनें, कृपया इसे पढ़ें. भेजी गई चेतावनी को पढ़ें. शाह ने ओडिशा और गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा कि कई राज्य सरकारें हैं, जिन्होंने प्राकृतिक आपदाओं की इन प्रारंभिक चेतावनियों पर ध्यान देकर शून्य हताहत हासिल किया है. एक पूर्व चेतावनी प्रणाली है और सरकार ने 2014 के बाद इस पर 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और यह जानकारी सात दिन पहले राज्यों के साथ साझा की जाती है तथा यह जानकारी सांसदों सहित सभी के लिए वेबसाइट पर भी उपलब्ध है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि लेकिन कुछ लोग भारतीय साइटें नहीं खोलते, केवल विदेशी साइटें खोलते हैं, अब विदेशी (वेबसाइटों) पर यह पूर्व चेतावनी प्रणाली नहीं दिखेगी, आपको हमारी साइटें खोलनी होंगी. मैं दोहराना चाहूंगा कि पूर्व चेतावनी दी गई थी और इसलिए हमने 23 जुलाई को एनडीआरएफ की नौ टीमें वहां भेजीं. जबकि कल (30 जुलाई) तीन बटालियनें भेजी गईं.
गृह मंत्री ने दावा किया कि यदि राज्य सरकार एनडीआरएफ टीमों के आगमन के प्रति सतर्क होती तो बहुत कुछ बचाया जा सकता था. शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की नौ टीमें हवाई मार्ग से भेजीं. क्या मैं पूछ सकता हूं कि केरल सरकार ने क्या किया? चाहे वहां अनाधिकृत लोग रह रहे थे या नहीं, यह एक संवेदनशील स्थिति थी, क्या लोगों को निकाला गया? उन्हें क्यों नहीं निकाला गया? उन्हें किसने रोका और अगर उन्हें निकाला गया तो वे (लोग) कैसे मरे?"
उन्होंने दावा किया कि लोगों को बाद में निकाला गया, पहले नहीं. लेकिन उन्होंने राज्य के साथ एकजुटता व्यक्त की और राज्यसभा को आश्वस्त किया कि दलगत राजनीति से परे, मोदी सरकार केरल के लोगों और सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी.
भारत में सबसे अच्छी प्रणाली
गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत के पास दुनिया की सबसे उन्नत तकनीकी पूर्व चेतावनी प्रणाली है और उन्होंने बताया कि भारत सहित केवल चार देश ही ऐसी प्राकृतिक आपदाओं की संभावना को घटना से सात दिन पहले पता लगाने में सक्षम हैं.
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने उच्च सदन को बताया कि अब तक 133 शव बरामद किए गए हैं और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. वायनाड त्रासदी पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की शुरुआत करते हुए, भाजपा के अरुण सिंह ने उच्च सदन को बताया कि राहत और बचाव कार्यों में सहायता के लिए केंद्र द्वारा कई कदम उठाए गए हैं.
चर्चा में भाग लेते हुए सीपीआई (एम) के जॉन ब्रिटास ने इसे केरल में हुआ सबसे बुरा भूस्खलन बताया तथा केंद्र से इसे 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित करने का आग्रह किया. जेबी माथेर हिशाम (कांग्रेस) ने भी वायनाड त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की और इस बात पर दुख जताया कि ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए कोई पूर्व चेतावनी प्रणाली नहीं है. राघव चड्ढा (आप) ने भी भविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के लिए खुद को तैयार करने के उपायों के तहत पूर्व चेतावनी प्रणाली को मजबूत करने का आह्वान किया.
प्रफुल्ल पटेल (राकांपा), एम. थंबीदुरई (एआईएडीएमके) ने भी वायनाड त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के आह्वान का समर्थन किया. साकेत गोखले (एआईटीसी), मुजीबुल्ला खान (बीजेडी), तिरुचि शिवा (डीएमके), मनोज कुमार झा (आरजेडी), वी शिवदासन सीपीआई (एम), एए रहीम सीपीआई (एम), हरीश बीरन (आईयूएमएल), रामजी (बीएसपी) और जीके वासन टीएमसी (एम) ने भी चर्चा में हिस्सा लिया.
वहीं, भाजपा सदस्य सुरेन्द्र सिंह नागर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि यदि वायनाड के पूर्व सांसद ने अपने कार्यकाल के दौरान संसद में निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दे उठाए होते तो लोगों की जान बचाई जा सकती थी. उन्होंने आरोप लगाया कि त्रासदी के बाद से गांधी ने अभी तक वायनाड का दौरा नहीं किया है.