कुरनूल बस त्रासदी: स्लीपर बस आग हादसों का सिलसिला जारी, प्रतिबंध की उठी मांग

कुरनूल बस त्रासदी ने एक बार फिर स्लीपर बसों की बढ़ती खतरनाक स्थिति को उजागर कर दिया है। ज्वलनशील आंतरिक भाग, बंद निकास द्वार और चालक की थकान जैसी वजहों से इन बसों में आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। विशेषज्ञ इन वाहनों को ‘चलता ताबूत’ कह रहे हैं। --- अगर चाहो तो मैं इसे **और छोटा और आकर्षक** भी बना सकता हूँ, ताकि यह हेडलाइन के तुरंत नीचे इम्पैक्ट डाल सके। क्या मैं वैसा कर दूँ?

Update: 2025-10-24 14:17 GMT
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भारत में शहरों और राज्यों के बीच चलने वाली प्राइवेट स्लीपर बसें लगातार खतरनाक साबित हो रही हैं। बढ़ते बस हादसों, खासकर स्लीपर बसों में होने वाले हादसों ने आम लोगों में चिंता बढ़ा दी है और इन वाहनों पर रोक लगाने की मांग उठ रही है। हाल ही में 24 अक्टूबर को हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही कावेरी ट्रैवल्स की स्लीपर बस में लगी आग ने फिर से इस समस्या को उजागर कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि बसों में सुरक्षा उपायों की कमी, तेज़ रफ़्तार और लापरवाह ड्राइवर व्यवहार हादसों के प्रमुख कारण हैं।

बस मार्ग और हादसों का इतिहास

हैदराबाद, विजयवाड़ा, तिरुपति और विशाखापत्तनम से चलने वाली बसें चेन्नई, तिरुपति, बेंगलुरु और ओडिशा तक नियमित रूप से जाती हैं। खासकर हैदराबाद-बेंगलुरु मार्ग पर स्लीपर बसें, जो कुरनूल और महबूबनगर जिलों से होकर जाती हैं, कई बार हादसों का शिकार हो चुकी हैं।

हाल के घातक बस हादसों की सूची

24 अक्टूबर, 2025: कावेरी ट्रैवल्स की स्लीपर बस हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही थी। कुरनूल जिले के चिन्टतेकुर के पास रात 3 बजे बाइक से टकराने के बाद बस में आग लग गई। सामने के हिस्से ने जलकर 19 यात्रियों की जान ले ली।

23 अक्टूबर, 2025: तिरुपति जिले के पेल्लाकुर मंडल में एक शादी पार्टी बस में आग लगी। 35 यात्री समय पर बच गए, लेकिन बस पूरी तरह जल गई।

22 अक्टूबर, 2025: हैदराबाद के नादेरगुल क्षेत्र में दिल्ली पब्लिक स्कूल की बस में छात्रों को छोड़ने के बाद धुआं निकलने लगा। चालक की सतर्कता से बड़ी दुर्घटना टली, बस जल गई।

14 अक्टूबर, 2025: जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक प्राइवेट एसी बस में आग लगने से 20 यात्री जलकर मरे और 16 घायल हुए।

19 जनवरी, 2025: तिरुमला घाट रोड पर एक RTC बस रेलिंग से टकराई, 10 तीर्थयात्री घायल। उसी दिन कार पलटी।

17 जनवरी, 2025: नेल्लोर से जग्गैयापेट जा रही सुपर लक्जरी बस में मन्नेटी कोटा के पास आग लगी।

अनंतपुर: थलागासिपल्ली में एक प्राइवेट एसी बस में आग लगी, सभी यात्री सुरक्षित।

15 मई, 2025: बिहार के बेगूसराय से दिल्ली जा रही स्लीपर बस में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई, पांच यात्री मरे, जिनमें दो बच्चे थे।

8 नवंबर, 2023: जयपुर से दिल्ली जा रही स्लीपर बस गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर आग की चपेट में आई। चालक कूदकर भाग गया। दो यात्री, मां और बेटी, जलकर मरे।

आग लगने के प्रमुख कारण

ईंधन, प्लास्टिक पार्ट्स, रेक्सिन और फोम जैसी ज्वलनशील सामग्री आग फैलने का मुख्य कारण हैं। ईंधन टैंक से रिसाव, खराब वायरिंग, टीवी, लाइट, फैन और एसी में शॉर्ट सर्किट। बस के संकरी गलियारों के कारण आग और धुएं में फंसे यात्री सांस नहीं ले पाते। इमरजेंसी दरवाजे और खिड़कियां अक्सर नहीं खुलती।

16 ट्रैफिक उल्लंघन

24 अक्टूबर को आग लगी कावेरी ट्रैवल्स बस पर तेलंगाना में 16 ट्रैफिक उल्लंघन दर्ज थे। 27 जनवरी से 9 अक्टूबर, 2024 के बीच कुल ₹23,120 का जुर्माना बकाया था।

स्लीपर बसें बन रही हैं मौत का जाल

एसी स्लीपर बसों की डिज़ाइन की खामियों के कारण आग से होने वाली मौतें अधिक हैं। उनकी ऊंचाई और लेआउट के कारण हादसों में बचना मुश्किल है। विशेषज्ञ उन्हें “चलती लाशें” कह रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं। चीन ने 2012 में स्लीपर बसों पर प्रतिबंध लगा दिया। भारत में ये बसें आज भी सामान्य रूप से चल रही हैं। यात्री कल्याण संघ के अध्यक्ष सैयद नूर ने कहा कि इन्हें चलाने से रोकना आवश्यक है।

रात में हादसों का खतरा

अधिकतर लंबी दूरी की बस दुर्घटनाएं रात में होती हैं, अक्सर ड्राइवर की थकान और नींद के कारण। भारत में कोई बस ड्राइवर थकान अलर्ट सिस्टम से लैस नहीं है।

मंत्री की चेतावनी

तेलंगाना के परिवहन मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने हैदराबाद-बेंगलुरु मार्ग पर हालिया स्लीपर बस हादसे की जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा नियमों का पालन न करने वाली बसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और निजी बसों की रफ्तार नियंत्रित की जाएगी। उन्होंने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के परिवहन मंत्रियों के साथ संयुक्त बैठक आयोजित करने की योजना की घोषणा की।

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