मोदी 3.0 कैबिनेट! खराब प्रदर्शन से शिंदे सेना और अजित पवार की एनसीपी को कितनी भारी कीमत चुकानी पड़ी

ऐसे दो घटक महाराष्ट्र से हैं, एक शिव सेना और दूसरी एनसीपी. दोनों ही पार्टियाँ लोकसभा चुनाव में ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पायी हैं, जो मंत्रिमंडल में उन्हें बेहतर जगह न मिलने का एक कारण माना जा रहा है

Update: 2024-06-10 10:44 GMT

शिंदे की सेना और अजित पवार की एनसीपी के पास कुल मिलाकर केवल सात सांसद हैं, जिसका मतलब है कि उनके हटने से सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। | फाइल फोटो

NDA Government Modi3.0 update: मोदी 3.0 सरकार का गठन हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत 71 मंत्री शपथ ले चुके हैं. लेकिन एनडीए के कुछ घटक ऐसे भी हैं, जो फिलहाल संतुष्ट नहीं हैं और वो कैबिनेट विस्तार का इंतज़ार कर रहे हैं. ऐसे दो घटक महाराष्ट्र से हैं, एक शिव सेना और दूसरी एनसीपी. दोनों ही पार्टियाँ लोकसभा चुनाव में ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पायी हैं, जो मंत्रिमंडल में उन्हें बेहतर जगह न मिलने का एक कारण माना जा रहा है.

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरी बार शपथ लेने के बाद, कुल 71 सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली. इनमें से ज़्यादातर बीजेपी के थे और कुछ सहयोगी दलों के थे, जिनमें 'किंगमेकर' एन चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू शामिल थी. इस मंत्री मंडल में महाराष्ट्र से 5 मंत्री बनाये गए, जहाँ एनडीए को 48 लोकसभा सीटों में से सिर्फ़ 17 सीटें ही मिलीं हैं, जबकि 2019 के लोकसभा चुनावों में एनडीए को 41 सीटें मिली थीं. 2019 में बीजेपी को 23 सीटें मिली थीं, जबकि 18 सीटें अविभाजित शिवसेना को मिली थीं.

भाजपा से चार मंत्री

महाराष्ट्र के इन पांच मंत्रियों में से चार भाजपा से हैं. पांचवें हैं शिंदे सेना के प्रतापराव जाधव, जिन्हें स्वतंत्र प्रभार के साथ जूनियर मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई. अजीत पवार की एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल को भी इसी तरह का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उसे डिमोशन बताकर प्रफुल्ल पटेल द्वारा अस्वीकार कर दिया गया.

एनसीपी ने तर्क दिया कि पूर्व कैबिनेट मंत्री के रूप में पटेल जूनियर मंत्री का पद संभालने के लिए बहुत वरिष्ठ व्यक्ति हैं. अजीत पवार ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी उस कैबिनेट बर्थ के लिए "इंतजार करने के लिए तैयार है". "हमारे पास एक लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद (सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल) हैं. आने वाले महीनों में, हमारे पास दो और राज्यसभा सांसद होंगे. अजीत पवार ने कहा कि तब हमारे पास चार सांसद होंगे और हमें कैबिनेट बर्थ मिलनी चाहिए. हम इंतजार करने के लिए तैयार हैं, लेकिन कैबिनेट बर्थ चाहते हैं.

पटेल ने राज्यमंत्री का प्रस्ताव ठुकराने के पीछे का कारण भी स्पष्ट करते हुए संवाददाताओं से कहा, "मैं पहले कांग्रेस नीत यूपीए सरकार में कैबिनेट मंत्री था और राज्यमंत्री बनाया जाना डिमोशन करना है". अब राज्यसभा सांसद पटेल 2011 से 2014 तक भारी उद्योग मंत्री थे. उन्होंने कहा, "भाजपा ने हमें कुछ दिन इंतजार करने को कहा, कहा कि वे सुधारात्मक कदम उठाएंगे".

शिंदे ने 3 बर्थ मांगी

इस बीच, शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने तीन पदों की मांग की थी, एक कैबिनेट में और दो जूनियर मंत्री पद. हालांकि, भाजपा की ओर से लोकसभा सीटें जीतने वाले और पार्टी के लिए तीसरा कार्यकाल सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभाने वाले 14 सहयोगियों को समायोजित करने की कोशिश में, शिंदे सेना को सिर्फ एक राज्य मंत्री पद मिला. हालांकि शिंदे ने अभी प्रस्तावित पद स्वीकार कर लिया है, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें अगले कैबिनेट विस्तार में अपना "हिस्सा" मिलने की उम्मीद है.

यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा महाराष्ट्र में अपने सहयोगियों की आकांक्षाओं को किस प्रकार पूरा करने का प्रयास करती है, क्योंकि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में अब अधिकतम सदस्यों की संख्या से केवल नौ सदस्य कम रह गए हैं.

भाजपा ने महाराष्ट्र के अपने सांसदों को दो कैबिनेट पद और दो जूनियर पद दिए हैं, जिनमें एक स्वतंत्र प्रभार भी शामिल है. भाजपा 9 सांसदों के साथ राज्य से सबसे बड़ी पार्टी (एनडीए सदस्यों में) है, जबकि शिंदे सेना 6 निर्वाचन क्षेत्रों में विजयी हुई है.


समर्थन महत्वपूर्ण नहीं है

अजित पवार की अगुआई वाली एनसीपी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा और उसे सिर्फ एक सीट मिली. जिन तीन सीटों पर पार्टी हारी, उनमें हाई-प्रोफाइल बारामती सीट भी शामिल है, जो पार्टी के संस्थापक शरद पवार का गढ़ है.

पिछले हफ़्ते वोटों की गिनती के बाद भाजपा ने लोकसभा में 272 सीटों के बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया. पार्टी को सिर्फ़ 240 सीटें मिलीं, लेकिन एनडीए के 53 सदस्यों ने उसे जीत दिला दी.

इन 53 में से 28 चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू के हैं. शिंदे सेना और अजित पवार की एनसीपी के पास कुल मिलाकर सिर्फ़ सात सांसद हैं, जिसका मतलब है कि उनके हटने से सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

मुझे आश्चर्य नहीं हुआ: सुले

दूसरी ओर, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) सांसद सुप्रिया सुले ने सोमवार को कहा कि उन्हें इस बात पर आश्चर्य नहीं है कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली.

अपने पिता द्वारा स्थापित एनसीपी के 25वें स्थापना दिवस पर पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए, बारामती की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "यूपीए शासन के दौरान, एनसीपी ने मनमोहन सिंह सरकार में सहयोगी के रूप में काम किया. मनमोहन जी ने पवार साहब के प्रति भरोसा और प्यार दिखाया, और उन्हें ढाई कैबिनेट बर्थ मिले, जबकि उस समय पार्टी के पास केवल आठ या नौ सांसद थे". उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संख्या के बारे में नहीं सोचा और पार्टी को अपने सहयोगी के रूप में सम्मान दिया.

सुले ने कहा, "महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में भी सभी एक-दूसरे के साथ सम्मान से पेश आते थे. हम किसी भी फॉर्मूले पर अड़े नहीं रहे. हमारा रिश्ता आपसी सम्मान और योग्यता पर आधारित था".

सांसद ने कहा कि उन्हें इस बात पर आश्चर्य नहीं है कि एनसीपी को कैबिनेट में जगह नहीं मिली. उन्होंने कहा, "मैंने करीब से देखा है कि पिछले 10 सालों में उन्होंने (भाजपा) अपने सहयोगियों के साथ कैसा व्यवहार किया है".

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